चक्रवाती तूफान अम्फान बुधवार को दोपहर ढाई बजे पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में पहुंच गया। इसकी शुरुआत दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप से हुई। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान का दायरा काफी बड़ा है और अभी इसका शुरुआती हिस्सा ही पहुंचा है। इसे पूरी तरह पार करने में करीब चार घंटे लगेंगे। चक्रवात के बीच में हवा की गति 160 से 170 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो 190 किमी तक जा सकती है। चक्रवाती तूफान को देखते हुए राहत कार्यों के लिए भारतीय नेवी हाई अलर्ट पर है। पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की 19 टीमें लगाई गई हैं। कोलकाता हवाई अड्डे को गुरुवार की सुबह पांच बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में साढ़े चार लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में सुबह से बारिश हो रही है। समय बीतने के साथ यहां हवा की गति और बारिश की भीषणता बढ़ती जा रही है। कोलकाता शहर में तूफान और बारिश का पूरा असर शाम पांच बजे के बाद दिखने की आशंका है। चार बजे के आस-पास यहां 100 किमी से ज्यादा रफ्तार से आंधी चल रही थी। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में साढ़े चार लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। चक्रवाती तूफान अम्फान के करीब पहुंचने के मद्देनजर कोलकाता में वाहनों के आवागमन के लिए सभी फ्लाईओवर और एलिवेटेड कॉरिडोर बंद कर दिए गए हैं।
पेड़ और पोल कटरों से लैस हैं टीमेंः एनडीआरएफ
एनडीआरएफ के चीफ एसएन प्रधान ने कहा कि चक्रवात तूफान के दौरान हुए अनुभवों के आधार पर सभी टीमें लैंडफॉल के बाद पेड़ और पोल कटरों से लैस हैं, अगर ऐसी जरूरत पड़ती है। पश्चिम बंगाल में अब तक करीब 5 लाख लोगों को और ओडिशा में 1.5 लाख लोगों को बाहर निकाल लिया गया है। कुल 41 टीमें लगाई गई हैं।
विशाखापत्तनम में नेवी के जहाज तैयार
भारतीय नेवी के अनुसार पूर्वी नेवल कमान बंगाल की खाड़ी में हालात पर नजर रखे हुए है और विशाखापत्तनम में जलयानों को प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य, बचाव और परिवहन संबंधी आवश्यकता को पूरा करने के लिए तैयार रखा गया है। इसके लिए नेवी ने गोताखोरों, डॉक्टरों, रबर बोट, खाद्य सामग्री, दवाइयां, कपड़े, कंबल आदि की अतिरिक्त व्यवस्था की है।
200 किमी प्रति घंटे हो सकती है रफ्तार
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में तूफान की रफ्तार 170-180 किलोमीटर प्रति घंटे रही है। स्पीड 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। कई क्षेत्रों में जोरदार बारिश हो रही है। आइएमडी के अनुसार अत्यंत तेज चक्रवाती तूफान बंगाल की खाड़ी के उत्तरी-पश्चमी और निकटवर्ती पश्चिमी मध्य क्षेत्र पर घुमड़ रहा है। यह क्षेत्र ओडिशा के पारादीप के दक्षिण में 125 किलोमीटर, दीघा के दक्षिण पश्चिम में 390 किलोमीटर और बांग्लादेश के खेपूपुरा से दक्षिण-पश्चिम में 540 किलोमीटर दूर है।
पश्चिम बंगाल में सबसे बड़ा अभियान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तूफान की भयावहता को देखते हुए तीन लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए पश्चिम बंगाल में नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की 19 टीमें तैनात की गई हैं। इनमें से छह टीमें दक्षिण 24 परगना, चार-चार टीमें पूर्वी मिदनापुर और कोलकाता, तीन टीमें उत्तरी 24 परगना और एक-एक टीम हुगली और हावड़ा में तैनात की गई है। इस बीच, लोकसभा स्पीकर ने प्रभावित क्षेत्रों के सांसदों से बात की और उनसे अपील की कि वे अपने क्षेत्र के लोगों के संपर्क में रहें।
ओडिशा के 13 जिलों में ज्यादा खतरा
ओडिशा में चक्रवाती तूफान अम्फान की चपेट में 13 जिले प्रभावित होने की आशंका है। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त के अनुसार अभी तक 1.37 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। अगले छह से आठ घंटे अत्यंत अहम हैं। यह तूफान पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप से होकर गुजरने वाला है।
चक्रवाती तूफान के कारण ओडिशा के कई जिलों में जोरदार बारिश और तेज हवाएं चल सकती हैं। इस प्राकृतिक आपदा को देखते हुए राज्य के प्रभावित जिलों में 1704 शरणार्थी शिविर बनाए गए हैं। अधिकांश लोग केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिलों से निकाले गए हैं। इन जिलों में तूफान से सबसे ज्यादा असर होने की आशंका है।