पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बताया कि कानून के तहत हम जासूसी में शामिल कुलभूषण जाधव तक भारत को राजनयिक पहुंच नहीं दे सकते।
हालांकि नई दिल्ली में भारतीय अधिकारियों ने कहा कि राजनयिक पहुंच से इनकार किए जाने को लेकर पाकिस्तान की तरफ से कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है।
इधर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह केंद्र को कुलभूषण जाधव की रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से संपर्क करने का निर्देश दे। जाधव एक भारतीय नागरिक हैं, जिन्हें पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाई गई है।
याचिका में अनुरोध किया गया है कि अदालत विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय को जाधव तक राजनयिक पहुंच प्राप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से संपर्क करने का निर्देश दे। याचिका में कहा गया कि इस पूर्व नौसैन्य अधिकारी को पाकिस्तान ने न सिर्फ अवैध तौर पर बंदी बनाया हुआ है, बल्कि उन्हें गलत तरीके से मौत की सजा भी सुना दी।
याचिकाकर्ता राहुल शर्मा ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना जाधव को निष्पक्ष सुनवाई का अवसर उपलब्ध करवाने में विफल रही है।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने 10 अप्रैल को जाधव को सुनाई गई मौत की सजा की पुष्टि कर दी थी। जाधव 46 वर्षीय पूर्व नौसैन्य अधिकारी हैं। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने उन्हें जासूसी का दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई थी।
इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई हो सकती है। इस याचिका में यह अनुरोध किया गया है कि अधिकारियों को जाधव की रिहाई सुनिश्चित करवाने के लिए निर्देश दिए जाएं। इसमें कहा गया कि सरकार को दूसरे देशों में अपहरण किए गए भारतीयों की रिहाई के लिए प्रोटोकॉल भी जारी करना चाहिए।