Advertisement

अब बर्ड फ्लू ने बढ़ाई चिंता, इन 12 जगहों में खतरा, एडवाइजरी जारी

एक तरफ जहां कोरोना वायरस के प्रकोप से देश ट्रस्ट है। वहीं अब बर्ड फ्लू ने चिंताएं बढ़ा दी है। हालांकि...
अब बर्ड फ्लू ने बढ़ाई चिंता, इन 12 जगहों में खतरा, एडवाइजरी जारी

एक तरफ जहां कोरोना वायरस के प्रकोप से देश ट्रस्ट है। वहीं अब बर्ड फ्लू ने चिंताएं बढ़ा दी है। हालांकि बर्ड फ्लू के प्रकोप से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और केरल में बर्ड ब्लू के प्रकोप की रिपोर्ट मिलने के बाद इस पर नियंत्रण को लेकर केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को एडवायरी जारी की गई है जिसमें पक्षियों के इस रोग से निपटने के लिए बनाई गई राष्ट्रीय कार्ययोजना को अमल में लाने को कहा गया है।यह जानकारी केंद्रीय पशुपालन, मत्स्यपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से बुधवार को दी गई।

मंत्रालय ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत आने वाले भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) से नमूनों की पुष्टि होने के बाद चार राज्यों में 12 जगहों पर बर्ड फ्लू यानी एवियन एन्फ्लूएंजा (एआई) की रिपोर्ट आई है।

इनमें राजस्थान में बारां, कोटा और झालावार में कौव्वों में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट है जबकि, मध्यप्रदेश के मंदसौर, इंदौर और मालवा में भी कौव्वों में ही बर्ड फ्लू की रिपोर्ट है। वहीं हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट है। दक्षिण भारत स्थित केरल के कोट्टायम और आलापुझा में 4 जगहों पर पोल्ट्री डक यानी घरेलू बत्तख में बर्ड फ्लू की रिपोर्ट है।

के मुताबिक राजस्थान और मध्यप्रदेश को 1 जनवरी 2021 को ही एडवायजरी जारी की गई थी और दोनों राज्यों में नेशनल एक्शन प्लान ऑफ एवियन इन्फ्लूएंजा के अनुसार रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं। इसके बाद पांच जनवरी 2021 को हिमाचल प्रदेश को पोल्ट्री में इसका प्रसार रोकने को लेकर एडवायजरी जारी की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, केरल में 5 जनवरी से रोकथाम के उपायों को अमल में लाया जा रहा है जिसके अंतर्गत पक्षियों को मारने का काम जारी है।

इसके अलावा राज्यों को वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर पक्षियों के असामान्य मौत की रिपोर्ट लेने को कहा गया है। साथ ही अन्य राज्यों को भी पक्षियों की असमान्य मौत पर निगाहें रखने और आवश्यक कदम उठाने के लिए शीघ्र रिपोर्ट करने को कहा गया है।

मंत्रालय की ओर से एक बात और साफ की गई है कि संदूषित पोल्ट्री उत्पाद खाने से मानव में एआई वायरस के संचरित होने का कोई सीधा प्रमाण नहीं है। हालांकि सफाई और स्वच्छता बनाए रखना और रसोई बनाने व प्रसंस्करण के मानक एआई वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए प्रभावकारी है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad