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पीएम मोदी अब करेंगे बेनामी संपत्तियों पर स्‍ट्राइक

कर से बचने के लिए बेनामी संपत्ति खरीदने वालों पर सरकार नए साल में गाज गिराने की तैयारी में है। आयकर विभाग के अधिकारी ने बताया कि सरकार इस साल जुलाई में फाइल किए टैक्स रिटर्न और बैंक ट्रांजैक्शंस के डेटा के जरिए संदिग्ध रियल एस्टेट संपत्तियों की पड़ताल करेगी। इसके अलावा पूरी जानकारी जुटाने के बाद ऐसी संदिग्ध प्रॉपर्टीज पर छापेमारी भी की जाएगी।
पीएम मोदी अब करेंगे बेनामी संपत्तियों पर स्‍ट्राइक

पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद बेनामी संपत्ति रखने वाले लोगों के खिलाफ अभियान छेड़ने का ऐलान किया है। कर विभाग के अफसर ने कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को अचानक बंद करने के बाद अब सरकार संदिग्ध रियल एस्टेट संपत्तियों की जांच पर ध्यान देगी। नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, 'अगले साल यह हमारी प्राथमिकता में होगा।' 

भारत में रियल एस्टेट मार्केट से करप्शन को दूर करने का टास्क मोदी सरकार के लिए खासा कठिन साबित हो सकता है। इससे पहले नोटबंदी के बाद कैश की कमी के संकट के चलते सरकार पहले ही विरोधियों के निशाने पर है।भारत में लैंड रेकॉर्ड्स में तमाम गड़बड़ियां दिखती हैं।

विश्लेषकों का कहना है कि नेता, कारोबारी और विदेशों में रहने वाले भारतीय टैक्स अदा किए बिना प्रॉपर्टी में निवेश कर देते हैं। इसके लिए वह अपने नाम पर संपत्ति खरीदने की बजाय रिश्तेदारों और भरोसेमंद एंप्लॉयीज के नाम पर संपत्ति की खरीद करते हैं। इन प्रॉपर्टीज के बारे में कोई स्पष्ट डेटा उपलब्ध नहीं है, लेकिन इंडस्ट्री के अनुमानों के मुताबिक कई शहरों में रियल एस्टेट सेक्टर में 5 से 10 पर्सेंट तक ऐसे लोगों ने निवेश किया है, जिन्होंने टैक्स की चोरी की है।

इसी साल 1 नवंबर से लागू हुए प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रॉपर्टीज ट्राजैक्शंस ऐक्ट के तहत बेनामी संपत्ति रखने वाले लोगों को 7 साल तक की कैद हो सकती है। इसके अलावा उनकी संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी। हालांकि सरकार भी इस बारे में विचार कर रही है कि वह कैसे रियल एस्टेट के रेकॉर्ड्स को जुटाए और लैंड रजिस्ट्रीज की पड़ताल करे।

 

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