उन्होंने फोन पर कहा था कि मैं मंगलवार शाम को पांच बजे घर पहुंच जाऊंगा। जबकि नगरोटा आर्मी कैंप पर मंगलवार की सुबह पांच बजे ही आतंकी हमला हो गया और वे इस हमले में जवाबी कार्रवाई में शहीद हो गए। उनकी शहादत से पूरे गांव में मातमी माहौल है। परिवार शोक में डूबा हुआ है, मां बाप और पत्नी का रो रो कर बुरा हाल है। उनकी सात साल की बेटी और चार साल का बेटे के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है। अभी उनके शव को गांव नहीं पहुंचाया गया है।