सुषमा स्वराज ने आज ट्वीट किया, भारतीय नागरिक सैयद आसिफ अली निजामी (80) और उनके रिश्तेदार नाजिम अली निजामी 8 मार्च को पाकिस्तान गए थे और अभी तक उन दोनों का कुछ पता नहीं लग पाया है।
विदेश मंत्री ने कहा, हमने इस मामले में पाकिस्तान सरकार से भी बात की है और उन्हें इस बारे में ताजा जानकारी देने को कहा है। कराची हवाईअड्डे पर उतरने के बाद से वह लापता हैं।
जानकारी के अनुसार, दरगाह के मुख्य खादिम सैयद आसिफ़ अली निज़ामी और उनके भतीजे नाज़िम निजामी बाबा फरीद की दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए 13 मार्च को लाहौर गए थे। मौलवियों ने 14 मार्च को लाहौर में ही स्थित एक अन्य दरगाह दाता दरबार में भी चादर चढ़ाई थी। अगले दिन जब वे कराची की उड़ान की भरने के लिए हवाईअड्डे पर पहुंचे, तो आसिफ निजामी को कराची जाने दिया गया, लेकिन नाजिम को यात्रा सबंधी कागज़ात पूरे न होने पर हवाईअड्डे पर ही रोक दिया गया। इसके बाद से वे लापता हैं जबकि आसिफ निज़ामी कराची पहुंचने के बाद से लापता है। इसके बाद आसिफ के बेटे साजिद आसिफ़ निज़ामी ने विदेश मंत्रालय में सूचना दी है। उनका कहना है कि बहुत कोशिश करने के बाद संपर्क नहीं हो पा रहा है।
निजामुद्दीन दरगाह और दाता दरबार के बीच उलेमाओं के आने जाने का सिलसिला परंपरा का एक हिस्सा है।
पाकिस्तान में सूफियों को इस्लामी जिहादियों द्वारा पिछले दिनों निशाना बनाए जाने के कई मामले सामने आए हैं। हालांकि सुरक्षा सूत्रों का मानना है कि भारत के मौलवियों के लापता होने में जिहादी तत्वों का हाथ नहीं है। भाषा