केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने काम करने के तरीकों को स्पष्ट करते हुए सभी मंत्रियों को वक्त पर ऑफिस आने की नसीहत दी है। सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने कैबिनेट बैठक में सभी मंत्रियों को सुबह 9.30 बजे तक ऑफिस पहुंचने को कहा। उन्होंने अपने साथियों से यह भी कहा कि जब संसद सत्र चल रहा हो, उस समय किसी बाहरी दौरे की योजना न बनाएं।
प्रधानमंत्री मोदी ने जहां मंत्रियों के साथ बैठक में सभी को दफ्तर वक्त पर आने की नसीहत दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा है कि वे सभी ऑफिस का काम ऑफिस से ही करें। वहीं घर से ऑफिस का काम करने के लिए पीएम मोदी ने मना किया है।
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोगी ने मंत्रियों को सांसदों से मिलने के लिए उनको वक्त देने के लिए भी कहा है। पीएम ने कहा है कि उनके राज्यों के सांसदों से वो नियमित तौर पर मिलते रहें और मिलने के लिए सांसदों को वक्त देते रहें। साथ ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए भी पीएम मोदी ने मंत्रियों को नसीहत दी है। पीएम ने कहा कि वे पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए दिन और समय को तय करें। इसके साथ ही पीएम ने सभी केंद्रीय मंत्रियों को अपने राज्यमंत्रियों को विभाग का काम देने के लिए भी कहा है।
मंत्रिपरिषद की बैठक से पहले, प्रधान मंत्री ने अपने मंत्रिमंडल से मुलाकात की और अगले पांच वर्षों के लिए अपनी सरकार के रोड-मैप और कार्य योजना की रूपरेखा तैयार की। मालूम हो कि बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले भी लिए गए। इसमें मुस्लिम महिलाएं के लिए तीन तलाक बिल पेश करने समेत कई अन्य अध्यादेशों पर भी चर्चा की गई।
हर तीन महीने में एक रिपोर्ट कार्ड पेश करने को कहा
प्रधानमंत्री के साथ नए मंत्रिपरिषद की यह पहली बैठक थी। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने मिशन 2022 के लिए अपनी प्राथमिकताएं बताईं और उन्हें हर तीन महीने में एक रिपोर्ट कार्ड पेश करने को कहा। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने सहयोगियों से कहा कि वह उनके द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा करेंगे और विभिन्न मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही 'उच्च प्राथमिकता' योजनाओं की निगरानी करेंगे।
‘100 दिनों के लिए कार्य योजना प्रस्तुत करें’
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मिशन 2022 से संबंधित योजनाओं और परियोजनाओं जैसे ' हाउसिंग फॉर आल' के बारे में अधिक फिक्रमंद थे। उन्होंने सामाजिक क्षेत्र से संबंधित मंत्रालयों से संबंधित अपनी प्राथमिकताओं की व्याख्या की। सूत्रों ने कहा कि ग्रामीण विकास और नव-गठित जल शक्ति मंत्रालय के लिए मोदी ने विशिष्ट कार्यों को रेखांकित किया।
वर्तमान में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट, पश्चिमी क्षेत्र में सूखे की आशंका के मद्देनजर कृषि क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा है। मोदी ने पहले ही मंत्रालयों को अपने संबंधित विभागों के लिए पहले 100 दिनों के लिए कार्य योजना प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
एजेंसी इनपुट