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मोदी राज : देश में 77 प्रतिशत परिवार को नहीं हो रही नियमित आय

केंद्र सरकार के रोजगार सृजन पर जोर के बावजूद देश में बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है। श्रम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार देश की बेरोजगारी दर 2015-16 में पांच प्रतिशत पर पहुंच गयी जो पांच साल का उच्च स्तर है।महिलाओं के मामले में बेरोजारी दर उल्लेखनीय रूप से 8.7 प्रतिशत के उच्च स्तर पर जबकि पुरूषों के संदर्भ में यह 4.3 प्रतिशत रही। यह आंकड़ा केंद्र की भाजपा शासित सरकार के लिये खतरे की घंटी हो सकती है जिसने देश में समावेशी वृद्धि के लिये रोजगार सृजित करने को लेकर मेक इन इंडिया जैसे कई कदम उठाये हैं।
मोदी राज : देश में 77 प्रतिशत परिवार को नहीं हो रही नियमित आय

अखिल भारतीय स्तर पर पांचवें सालाना रोजगार-बेरोजगारी सर्वे के अनुसार करीब 77 प्रतिशत परिवारों के पास कोई नियमित आय या वेतनभोगी व्यक्ति नहीं है। इसके अनुसार यूपीएस :यूजुअल प्रिंसिपल स्टेटस: रूख के तहत अखिल भारतीय स्तर पर बेरोजगारी दर पांच प्रतिशत अनुमानित है। यूपीएस रूख के तहत बेरोजगारी दर का आकलन के लिये संदर्भ अवधि 365 दिन का उपयोग किया जाता है।

श्रम ब्यूरो के अनुसार 2013-14 में बेरोजगारी दर 4.9 प्रतिशत, 2012-13 में 4.7 प्रतिशत, 2011-12 में 3.8 प्रतिशत तथा 2009-10 में 9.3 प्रतिशत रही। वर्ष 2014-15 के लिये इस प्रकार की रिपोर्ट जारी नहीं की गयी।

रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीएस रूख के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 5.1 प्रतिशत जबकि शहरी क्षेत्रोंं में 4.9 प्रतिशत थी। पुरूषों की तुलना में महिलाओं में बेरोजगारी दर सबसे उंची है। महिलाओं में बेरोजगारी दर 8.7 प्रतिशत आंकी गयी है जबकि पुरूषों में 4.3 प्रतिशत थी। भाषा एजेंसी 

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