लेकिन बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने देवयानी के नाम को हरी झंडी नहीं दी है। यहां तक कि अठावले को कह भी दिया गया कि वे देवयानी से किसी प्रकार का काम न ले।
दरअसल मंत्री बनने के बाद अठावले ने देवयानी को पीएस बनाने की फाइल आगे कर दी। इस बीच चर्चा भी हो गई कि देवयानी पीएस के रूप में काम करेगी। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने अभी मंजूरी नहीं दी है। सूत्रों का कहना है कि देवयानी खोबरागड़े के नाम को लेकर विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को बताया कि उनका नाम न्यूयार्क में विवादों में रहा है और एक मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया जा चुका है। ऐसे में अठावले किसी दूसरे अधिकारी की तलाश करे।
इस बात की जानकारी जब प्रधानमंत्री कार्यालय को हुई तो वहां से भी अठावले को मना कर दिया गया। हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि अठावले चाहते हैं कि देवयानी ही उनकी पीएस के तौर पर नियुक्त हो। क्योंकि देवयानी के पिता और पूर्व आईएएस अधिकारी उत्तम खोबरागड़े अठावले की पार्टी आरपीआई कार्यकारिणी के सदस्य हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुरू से ही मंत्रियों के सचिव और ओएसडी बनने को लेकर सतर्कता बरती है। कौन होगा पीएस जब तक प्रधानमंत्री कार्यालय सहमत नहीं हो जाता तब तक नियुक्ति नहीं होगी। ऐसे में देवयानी की नियुक्ति का मामला भी खटाई में पड़ता दिख रहा है।