मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख रहे शहीद हेमंत करकरे पर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग को जवाब दिया है। उन्होंने हेमंत करकरे को लेकर की गई टिप्पणी पर शुरू हुए विवाद का ठीकरा मीडिया पर फोड़ा है।
प्रज्ञा ठाकुर ने चुनाव आयोग को भेजे गए जवाब में कहा कि उनकी ओर से शहीद की शहादत का अपमान नहीं किया गया। प्रज्ञा ने चुनाव आयोग को भेजे गए अपने जवाब में कहा कि वक्तव्य की एक पंक्ति के आधार पर आशय नहीं निकालना चाहिए, बल्कि पूरे वाक्य का अर्थ निकाला जाना चाहिए।
‘मेरे बयान को मीडिया द्वारा नकारात्मक तरीके से रखा गया’
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने की बात का जिक्र करते हुए कहा, ‘केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के निर्देश पर जो यातनाएं दी गई थीं, मैंने उनका उल्लेख किया। मेरा यह अधिकार है कि मेरे साथ जो घटनाएं घटित हुईं, उसे जनता के सामने रखूं। मेरे बयान को मीडिया द्वारा नकारात्मक तरीके से रखा गया’।
उन्होंने कहा है, ‘मेरी तरफ से किसी धर्म, संप्रदाय जाति के बारे में ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की गई है, जिससे किसी की भावनाएं आहत हुई हों।
महाराष्ट्र एसटीएफ के प्रमुख हेमंत करकरे को लेकर की थी विवादित टिप्पणी
प्रज्ञा ठाकुर ने मालेगांव बम विस्फोट के आरोप में गिरफ्तारी और उन पर हुई कार्रवाई के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। साथ ही मुंबई आतंकी हमले के दौरान आतंकवादियों की गोली से शहीद हुए महाराष्ट्र एसटीएफ के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा था, ‘उन दिनों वह मुंबई जेल में थीं। जांच आयोग ने सुनवाई के दौरान एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है तो उन्हें छोड़ क्यों नहीं देते। तब हेमंत ने कई तरह के सवाल पूछे, जिस पर मैंने जवाब दिया कि इसे भगवान जाने। इस पर करकरे ने कहा कि तो, क्या मुझे भगवान के पास जाना होगा’।
आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे हेमंत करकरे
प्रज्ञा ने कहा, ‘उस समय मैंने करकरे से कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था और सवा माह के भीतर ही आतंकवादियों ने उसे मार दिया था। हिंदू मान्यता है कि परिवार में किसी का जन्म या मृत्यु होने पर सवा माह का सूतक लगता है। जिस दिन करकरे ने सवाल किए, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था, जिसका अंत आतंकवादियों द्वारा मारे जाने से हुआ’। बता दें कि 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में आतंकवादियों ने हमला किया था। इन आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए हेमंत करकरे शहीद हुए थे।
प्रज्ञा ठाकुर के इस तरह के बयान के बाद शुरू हो गया था विवाद
प्रज्ञा ठाकुर इस बयान के बाद चौतरफा घिर गईं। बीजेपी ने भी किनारा कर लिया और सफाई दी। प्रज्ञा के बयान का चुनाव आयोग ने भी संज्ञान लिया और उनसे जवाब मांगा, जिस पर उन्होंने आज जवाब दिया।
प्रज्ञा ठाकुर को बीजेपी ने भोपाल लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा है। मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर चार चरणों में वोट डाले जाएंगे।