राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर भूस्खलन की घटना में लोगों की जान जाना अत्यंत दुखद है। राष्ट्रपति ने राहत एवं बचाव कार्य के सफलतापूर्वक पूरा होने की कामना की।
अधिकारियों ने बताया कि रियासी जिले में पर्वतीय क्षेत्र में स्थित मंदिर के मार्ग पर मलबे के नीचे से बचावकर्मियों द्वारा और शव निकाले जाने के बाद भूस्खलन की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है।
अधिकारियों ने कहा कि लगातार और भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 20 लोग घायल हुए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज हो रहा है।
मंगलवार को अपराह्न करीब तीन बजे भूस्खलन हुआ और पहाड़ की ढलान से पत्थर, शिलाखंड और चट्टानें नीचे गिरने लगीं। इससे बेखबर लोग इसकी चपेट में आ गए। घटना के बाद वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई।
कटरा से मंदिर तक की 12 किलोमीटर की घुमावदार यात्रा के लगभग आधे रास्ते में अर्धकुंवारी में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भूस्खलन हुआ।
मंदिर तक जाने के दो मार्ग हैं, जिसमें हिमकोटि पैदल मार्ग पर सुबह से यात्रा स्थगित कर दी गई थी, जबकि पुराने मार्ग पर अपराह्न डेढ़ बजे तक यात्रा जारी थी। हालांकि अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए यात्रा अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया।
लगातार कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जम्मू क्षेत्र में तबाही मचा दी है।
किश्तवाड़ जिले के मचैल माता मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले आखिरी गांव चशोती में 14 अगस्त को बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और भीषण तबाही का मंजर सामने आया। इस घटना में कम से कम 65 लोग मारे गए जिनमें ज्यादातर तीर्थयात्री थे। इस प्राकृतिक आपदा में 100 से अधिक लोग घायल हो गए तथा 32 लोग अब भी लापता हैं।