विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घारत ने सत्र अदालत में अंतिम दलीलों में कहा कि खान ने सोमवार को पहली बार कहा था कि वह नहीं बल्कि सिंह गाड़ी चला रहा था जबकि इस मामले में सबूत लेना बंद हो चुका है। खान 28 सितंबर, 2002 को तड़के उपनगर बांद्रा में एक बेकरी शाप में गाड़ी चढ़ाने के मामले में आरोपी हैं। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि चार अन्य घायल हुए थे।
घारत ने अपनी दलीलों में कहा कि अदालत में जिन गवाहों से पूछताछ की गई उनका सामना खान द्वारा अपने दावे में पेश नए सबूत से नहीं कराया गया। घारत ने दलील दी कि खान ने सुनवाई के दौरान इससे पहले कभी अपने चालक अशोक सिंह के बारे में जिक्र नहीं किया और इस संबंध में तब खुलासा किया जब उनका बयान दर्ज हो रहा था। घारत ने कहा कि न्यायाधीश ने जब अभिनेता से पूछा कि क्या वह खुद से पूछताछ चाहते हैं, तो उन्होंने इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा, अगर वह (खान) खुद से पूछताछ पर राजी होते तो जिरह में उनकी पोल खुल जाती।
घारत ने कहा कि आरोपी ने सुनवाई के प्रारंभ में स्वीकार किया था कि वह वाहन के मालिक हैं और हादसे के वक्त वाहन उनके पास था। उस समय भी उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि घटना के समय उनका चालक अशोक सिंह कार चला रहा था। सिंह ने सत्र अदालत से पिछले महीने कहा था कि दुर्घटना के समय खान नहीं बल्कि वह गाड़ी चला रहा था। अभियोजन का आरोप है कि दुर्घटना के समय खान के पास लाइसेंस नहीं था और वह नशे की हालत में थे। खान ने इन दोनों आरोपों से इंकार किया है। घारत ने कहा, ऐसा लगता है कि वह (अशोक सिंह) मनाकर लाया गया गवाह है और इस तरह के सबूत स्वीकार्य नहीं हो सकते।