अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने शुक्रवार को दावा किया कि राफेल से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी नहीं हुए हैं, और सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए अपने जवाब में उनका मतलब था कि याचिकाकर्ताओं ने अपनी ऐप्लिकेशन में 'वास्तविक कागजातों की फोटोकॉपी' का इस्तेमाल किया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में वेणुगोपाल के 'पेपर चोरी' होने संबंधी बयान के बाद विपक्ष सरकार पर हावी हो गया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अटॉर्नी जनरल ने कहा, 'विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान कहा गया था कि राफेल से संबंधित पेपर रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए हैं। यह पूरी तरह गलत है। कागजात चोरी होने संबंधित बयान पूरी तरह गलत हैं।'
वेणुगोपाल ने कहा कि यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पुनर्विचार याचिका में राफेल डील से संबंधित तीन दस्तावेज पेश किए, जो वास्तविक दस्तावेजों की फोटोकॉपी थे। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अटॉर्नी जनरल द्वारा 'चोरी' शब्द के इस्तेमाल से बचा जा सकता था।
पहले क्या कहा था..
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने एक दिन पहले कहा था कि राफेल डील से जुड़े कागजात चोरी हो गए हैं और याचिकाकर्ता उनका इस्तेमाल करके आधिकारिक गोपनीयता कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान एक न्यूज पेपर की रिपोर्ट का जिक्र करने के दौरान कही। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा, 'ये कागजात रक्षा मंत्रालय से पूर्व या वर्तमान कर्मचारी द्वारा चोरी किए गए हैं। ये गोपनीय दस्तावेज हैं और इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।' इस पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने उनसे पूछा कि सरकार ने इस मामले में अभी तक क्या कार्रवाई की है। इसके बाद केंद्र सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि हम लोग जांच कर रहे हैं कि कागजातों की चोरी कैसे हुई? साथ ही राफेल विमान सौदे से जुड़े केस में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, "यदि अब सीबीआई जांच के निर्देश दिए जाते हैं, तो देश को भारी नुकसान होगा।"
विपक्ष ने साधा निशाना
इस बयान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लेकर सरकार और पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। राहुल ने मांग की कि इतने महत्वपूर्ण संवेदनशील कागजात पेपर के चोरी होने की आपराधिक जांच होनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा था कि अगर सरकार कह रही है कि राफेल सौदे के दस्तावेज चोरी होने से ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन हुआ है, तो उस पर एफआईआर दर्ज कराएं। पीएमओ का मतलब प्रधानमंत्री ऑफिस नहीं। सीधे प्रधानमंत्री है। इसके अलावा कई विपक्षी नेताओं ने दस्तावेज चोरी होने की बात पर सरकार को ही कठघरे में खड़ा किया था।