राहुल गांधी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी मेक इन इंडिया कार्यक्रम लेकर आए हैं लेकिन इसका असर कहीं नहीं दिख रहा है। जहां कहीं देखिए शेर नजर आ रहे हैं लेकिन इससे कितने लोगों को रोजगार मिला है?’ इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमला करने में भी कोई कोताही नहीं बरती। उन्होंने महात्मा गांधी को कांग्रेस का और सावरकर को भाजपा सरकार का आदर्श बताते हुए कहा, ‘हम अहिंसा के साथ हैं और आप हिंसा के साथ। क्या आपने सावरकर को उठाकर फेंक दिया है? क्या उनके विचारों को नहीं मानते? मैंने कन्हैया कुमार को 20 मिनट तक सुना है, इसमें कुछ भी गलत नहीं था। आप न तो जेएनयू का कुछ बिगाड़ सकते हैं और न ही गरीबों की आवाज दबा सकते हैं। देश के लिए मोदी सरकार कुछ नहीं कर पा रही है, बल्कि संघ के विचारों के लिए ही काम कर रही है।’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि जब पटियाला हाउस कोर्ट कैंपस में कन्हैया की पेशी के दौरान हमला हुआ तब कुछ क्यों नहीं बोले? प्रोफेसरों, छात्रों और पत्रकारों पर हमला हुआ तो आप चुप क्यों रहे? क्या आपकी विचारधारा आपको यही सिखाती है? आप दूसरों की बात या उनके विचार सुनना क्यों पसंद नहीं करते? राहुल गांधी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की कालाधन वापसी योजना पर भी चुटकी लेते हुए कहा कि यह कालाधन जमा करने वालों के लिए फेयर एंड लवली योजना है।