23 फरवरी को संसद का बजट सत्र शुरू होने से एक दिन पूर्व पार्टी सूत्रों ने कहा था कि राहुल गांधी छुट्टी पर चले गए हैं। पार्टी ने उस समय कहा था कि राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हालिया घटनाओं और पार्टी की भावी दिशा पर चिंतन-मनन करने के लिए कुछ समय दिए जाने की अपील की थी।
उसके बाद से ही राजनीतिक जीवन से कुछ समय के लिए उनके अवकाश को लेकर यह अटकलें लगाई जाती रहीं कि वह पार्टी को अपने तरीके से चलाने की स्वतंत्रता नहीं दिए जाने से नाखुश हैं। पार्टी ने इसका आधिकारिक तौर पर खंडन किया था।
राहुल गांधी ऐसे समय छुट्टी पर गए थे जब कांग्रेस के अखिल भारतीय सम्मेलन के बारे में बातचीत हो रही थी और ऐसी संभावना थी कि इसमें उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
उनकी गैर मौजूदगी में पार्टी के कई नेता अध्यक्ष पद पर सोनिया गांधी के बने रहने की खुली वकालत करते नजर आए और राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेताओं ने एलान किया था कि राहुल 19 अप्रैल तक वापस आ जाएंगे क्योंकि उन्हें उस दिन रामलीला मैदान में भूमि विधेयक मुद्दे पर किसानों की रैली को संबोधित करना है।
यह रैली संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत की पूर्व-संध्या पर आयोजित की जा रही है। राहुल गांधी बजट सत्र के पहले चरण में शामिल नहीं हो पाए थे जिसमें कांग्रेस ने भूमि विधेयक के मुद्दे पर सरकार को घेरा था।
कांग्रेस पिछले वर्ष के लोकसभा चुनावों में बुरी तरह विफल रही थी और इसके बाद दिल्ली विधानसभा समेत कई अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी उसका प्रदर्शन खराब रहा।
सूत्रों ने यह भी बताया कि रैली से दो दिन पूर्व 17 अप्रैल को किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राहुल गांधी की बातचीत की योजना बनाई जा रही है। 19 अप्रैल को वह पार्टी की किसान खेत-मजदूर रैली को संबोधित करेंगे।