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आरबीआई अधिकारी व जदएस नेता नोट बदली में गिरफ्तार

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अमान्य किए जा चुके 500 और 1000 रुपये के नोटों को अवैध तरीके से नए नोटों में बदलने के दो अलग-अलग मामलों में रिजर्व बैंक के एक अधिकारी और जद (सेकुलर) नेता और कैसिनो मालिक के सी वीरेंद्र को गिरफ्तार किया है।
आरबीआई अधिकारी व जदएस नेता नोट बदली में गिरफ्तार

बेंगलुरु में पदस्थापित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी के माइकल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। उसे 1.51 करोड़ रुपये के पुराने नोटों को नए नोटों से कथित तौर पर बदलने का प्रयास करने के दौरान गिरफ्तार किया गया। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि आरबीआई में वरिष्ठ विशेष सहायक के तौर पर पदस्थापित माइकल को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया।

 

एजेंसी ने आयकर विभाग द्वारा एक कैसिनो मालिक के बाथरूम से नए नोटों में 5.70 करोड़ रुपये जब्त करने के एक अलग मामले में वीरेंद्र को भी गिरफ्तार किया है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा कि  हमने के सी वीरेंद्र को गिरफ्तार किया है। उसे दस  दिसंबर को हुबली में गिरफ्तार करके बेंगलुरु लाया गया और उसे सीबीआई अदालत के समक्ष पेश किया गया। वह पिछले छह दिनों से हमारी हिरासत में है।

वीरेंद्र के अतिरिक्त कर्नाटक के चित्रादुर्ग जिला निवासी बिचौलिये थिपेस्वामी और वेंकटेश और चार बैंकों स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के अज्ञात अधिकारियों को भी इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में नामजद किया गया है।

सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि बैंक अधिकारियों ने वीरेंद्र के साथ साजिश रचकर 5.76 करोड़ रपये के अमान्य नोटों को दो हजार और पांच सौ रुपये के नए नोटों से नवंबर और दिसंबर में बदला।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि एजेंसी को एक सूत्र से सूचना मिली कि चित्रादुर्ग जिले में चेल्लेकेरे के आस-पास के एसबीआई, एसबीएम, आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा और अन्य बैंकों के अधिकारियों ने वीरेंद्र, थिपेस्वामी, वेंकटेश और अन्य बिचौलियों के साथ बेईमानी से और धोखा से साजिश रची और 5.76 करोड़ रुपये के पुराने नोटों की नए नोटों से बदली करवाई।

यह आरोप भी लगाया गया कि बैंक के अधिकारियों ने जाली और गढ़े हुए पहचान और पता के दस्तावेजों के साथ अपने बैंक के खातों में गड़बड़ी की ताकि गलत तथ्य प्रस्तुत कर सकें कि नए नोटों को बैंक काउन्टरों और बैंकों के एटीएम से आम जनता ने बदले हैं।

सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि वीरेंद्र ने 5.76 करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोटों को बदलवाने के लिए थिपेस्वामी और वेंकटेश की सेवाओं का इस्तेमाल किया। इसे उसने अवैध तरीके से अपने आवास में जमा कर रखा था।

एजेंसी ने बताया कि आयकर विभाग के छापे के दौरान नोट वीरेंद्र के घर में स्थित बाथरूम के तहखाने से जब्त किए गए थे। गत दस दिसंबर को आयकर अधिकारियों ने चल्लाकेरे में वीरेंद्र के मकान और गोवा में उसके कैसिनो समेत 15 परिसरों पर छापेमारी की थी। अधिकारियों ने दो हजार के नए नोटों में 5.7 करोड़ रुपये जब्त किए जबकि हुबली और चल्लाकेरे में सौ और बीस के नोटों में 90 लाख रुपये जब्त किए।

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि वीरेंद्र ने कथित तौर पर कुछ बैंकरों और बिचौलियों से साठ-गांठ करके पांच सौ और हजार रुपये के नए नोटों को दो हजार रुपये के नए नोटों से बदलवाया।

सूत्रों ने बताया कि वीरेंद्र का नाम इससे पहले क्रिकेट सट्टेबाजी मामले में आया था। वह चिटफंड का कारोबार चलाता था और बाद में कैसिनो और अन्य कारोबार में उतर गया। वीरेंद्र प्राथमिक भूमि विकास बैंक का पूर्व अध्यक्ष भी है। वह चित्रादुर्ग जिले में चल्लाकेरे का एक व्यापारी भी है।

सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान वीरेंद्र ने कई लोगों के नाम लिए हैं और सीबीआई कथित हवाला ऑपरेटर के साथ उनके संबंधों को जोड़ने के लिए ठोस सबूत जुटाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान सीबीआई उनका सामना उसके परिसरों से बरामद दस्तावेजों से कराएगी और इन धन के स्रोत को हासिल करने का प्रयास करेगी, जो मामले में बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों की कथित संलिप्तता का खुलासा कर सकते हैं। (एजेंसी)

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