72वें गणतंत्र दिवस का आयोजन कोरोना वैक्सीन के आ जाने के बाद पारंपरिक उत्साह के साथ किया जा रहा है। ऐसा दूसरी बार हो रहा है जब गणतंत्र दिवस के मौके पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। इससे पहले पिछले साल 2020 में केंद्र द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ आंदोलन हो रहा था और इस बार उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा से आए हजारों किसान दो महीने से राजधानी की सीमाओं पर डेरा पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और डाले हुए हैं। इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह कोविड-19 काल में होने वाला पहला सार्वजनिक कार्यक्रम होगा।
कैसा होगा परेड का नजारा
राजपथ में इस वर्ष परेड देखने वाले दर्शकों की संख्या, परेड में शामिल लोगों की संख्या कम नजर आएगी। पिछले वर्ष के 1.25 लाख दर्शकों की तुलना में यह घटकर 25,000 ही रह गई है, जिसमें आम जनता के लिए केवल 4,500 टिकट हैं।
वहीं मार्चिंग कॉन कंटेस्टेंट्स का साइज 144 से घटाकर 96 कर दिया गया है। इतना ही नहीं कोविड-19 के सुरक्षा मानदंडों के चलते, मोटरसाइलिक से चलने वाले पुरुषों के करतब (स्टंट) जो राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में भीड़ का प्रमुख आकर्षण होता है, वो इस बार नहीं देखने को मिलेगा।
इस वर्ष परेड भी कम होगी। राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर इंडिया गेट पर खत्म हो जाएगा। पिछले साल भारतीय वायु सेना में शामिल हुए राफेल लड़ाकू जेट पहली बार परेड में शामिल होंगा। वहीं, भारत की पहली महिला फाइटर पायलट 'भावना कंठ' भी नजर आएंगी।
परेड में शामिल 32 झांकियों में पहली बार केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भी भाग लेगा। जो लेह के पास हानले में स्थित, भारतीय खगोलीय वेधशाला, ऑप्टिकल, अवरक्त और गामा-रे दूरबीनों के लिए दुनिया की सबसे ऊंची साइटों में से एक का प्रदर्शन करेगा। परेड में बांग्लादेश सेना का एक सैन्य बैंड भी भाग लेगा।
मुख्य अतिथि?
55 वर्षों में पहली बार इस वर्ष की परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं होगा। इससे पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अफसोस व्यक्त किया था कि वो यूनाइटेड किंगडम में बढ़ते कोरोना मामलों के कारण भारत का दौरा नहीं कर पाएंगे। 2020 में अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर मेसियस वोल्सनारो मुख्य अतिथि थे।
क्या कार्यक्रम में बांधा बनेगी किसानों की ट्रैक्टर रैली?
इस कार्यक्रम में किसानों की ट्रैक्टर रैली बांधित नहीं होगी, क्योकि किसानों को राजपथ पर आधिकारिक परेड पूरी होने के बाद ही रैली शुरू करने के लिए दिल्ली पुलिस से मंजूरी मिली है। ये अभी तक की जानकारी के मुताबिक है।
कितनी बड़ी होगी किसानों की रैली
पुलिस के अनुमान के मुताबिक 30,000 से अधिक किसान सिर्फ सिंधू बार्डर पर हैं हर रोज इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। शनिवार की सुबह, किसान यूनियनों ने दावा किया कि पंजाब और हरियाणा के बीच 50,000 से अधिक ट्रैक्टर सीमाओं से होकर गुजरे हैं।
लुधियाना के घुडनी गांव के किसान बलवंत सिंह घुडानी ने बताया, 'दिल्ली जाने वाले ट्रैक्टरों की संख्या देखकर ऐसा लगता है कि हमारी परेड चार दिनों में भी समाप्त नहीं होगी।' प्रदर्शनकारी किनान इस रैली में झांकी प्रदर्शन करने की योजना भी बना रहे हैं। स्वामीनाथन रिपोर्ट के कार्यान्वयन पर बीकेयू (उग्राहन) समिति द्वारा हल बैल के साथ किसानों की झांकी बनाई गई है।