शीर्ष भारतीय अधिकारी के अनुसार, हिमालयी राष्ट्र में स्थिति बहुत बहुत गंभीर है। एेसे में एनडीआरएफ के करीब एक हजार प्रशिक्षित कर्मचारियों को सेवा में लगाया गया है। नेपाल में शनिवार को आए भीषण भूकंप ने 2,350 से ज्यादा लोगों की जान ली है। पिछले 80 सालों में आया यह सबसे भीषण भूकंप है। भूकंप के बाद से वहां फंसे पर्यटकोंं को जल्दी निकालने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। विदेशी नागरिकों को सदभावना वीजा जारी किया जा रहा है और उन्हें सड़क मार्ग से निकालने के लिए बसों और एम्बुलेंस की सेवा ली जा रही है। कल से करीब एक हजार से ज्यादा लोगों को हवाई मार्ग से निकाला गया है।
गृहमंत्रालय के शीर्ष अधिकारी के नेतृत्व में गठित एक अंतर-मंत्रालीय टीम जल्दी ही नेपाल रवाना होगी और आॅपरेशन मैत्री के तहत वहां राहत तथा बचाव कार्यो का समन्वय करेगी। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं रेखांकित करता हूं कि नेपाल में जल्दी से जल्दी राहत और बचाव कार्य हमारा प्राथमिक मिशन है। नेपाल में स्थिति बहुत बहुत गंभीर है। संवाददाता सम्मेलन में गृहसचिव एल. सी. गोयल, रक्षा सचिव आर. के. माथुर, राष्टीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार के प्रमुख आर. के. जैन और भारत मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख एल. एस. राठौड़ भी मौजूद थे।
भूकंप प्रभावित नेपाल से बचाए गए भारतीयों की विस्तृत जानकारी देते हुए विदेश सचिव एस. जयशंकर ने बताया कि कल 546 लोगों को वहां से निकाला गया था जबकि आज अभी तक 504 लोग वापस लाए गए हैं। देर रात तक और 130 लोगों के भारत पहुंचने की संभावना है। भारत ने अभी तक 13 सैन्य विमान, एयर इंडिया और जेट एयरवेज के तीन असैन्य विमान, छह एमआई-17 हेलीकाॅप्टर, दो एडवांस लाइट हेलीकाॅप्टर बचाव कार्य में लगाए हैं जबकि दो एमआई-17 हेलीकाॅप्टर सेवा देने के लिए तैयार हैं। बचाव कार्य में चार सी-17 ग्लोबमास्टर-3 और तीन सी-130जे सुपर हर्कुलिश विमान भी शामिल हैं। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पड़ोस में आपदा के दौरान सरकार का लक्ष्य पहला लक्ष्य राहत कार्य उपलब्ध करना है और यह जल्दी करना है। अभी तक भारत ने 10 टन कंबल, 50 टन पेयजल, 22 टन भोजन और दो टन दवाएं काठमांडो भेजी हैं। सेना के तीन फील्ड अस्पताल, इंजीनियरिंग टास्क फोर्स और असैन्य डाॅक्टरों की मेडिकल यूनिट नेपाल भेजी गयी है। जयशंकर ने कहा कि भूकंप के बाद आज आए झटको से बचाव और राहत कार्य प्रभावित हुआ है क्योंकि काठमांडो हवाईअड्डा कई घंटे तक बंद रहा। हालांकि बाद में हवाईअड्डा खुल गया।
जयशंकर ने बताया कि सरकार ने नेपाल में फंसे हुए भारतीयों को निकालने के लिए 35 बसें लगायी हैं। इन्हें सोनौली और रक्सौल के रास्ते भारत-नेपाल सीमा से लाया जाएगा। गृहसचिव ने कहा, हम सड़क मार्ग से बड़े पैमाने पर लोगोंं को निकाल रहे हैं। अधिकारियों ने फंसे हुए हजारों लोगोंं से धैर्य रखने का आग्रह करते हुए उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत विदेशी नागरिकों सहित जितने लोगोंं को संभव हो वहां से निकालेगा।