आंकड़ों के अनुसार 2011 में देश की कुल आबादी एक अरब 21 करोड़ थी। इसमें से हिन्दुओं की आबादी 79.8 फीसदी यानी 96.63 करोड़ है। वहीं मुस्लिमों की आबादी 14.2 फीसदी है। रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुओं की आबादी 0.7 फीसदी घटी है जबकि मुस्लिम आबादी में अल्प वृद्घि यानी 0.8 फीसदी बढ़ी है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ सेंसस ने 2001 से लेकर 2011 तक धार्मिक आधार पर जनगणना के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक एक दशक में देश की आबादी 17.7 फीसदी बढ़ी है।
अलग-अलग संप्रदाय की बात की जाए तो हिंदुओं की आबादी 16.8 मुस्लमानों की 24.6, ईसाइयों की 15.5, सिखों की 8.4, बौद्यों की 6.1 और जैनियों की आबादी में 5.4 फीसदी बढ़ी है। आंकड़ों के अनुसार इस देश की कुल हिंदुओं की कुल आबादी 96.63 करोड़ और मुस्लिमों की 17.22 करोड़ है। जैनों की आबादी 45 लाख बताई गई है। धर्म आधारित आंकड़े जारी होने के बाद अब लोगों को इंतजार है जाति आधारित आंकड़ों का जिसको लेकर सरकार देरी कर रही है। जबकि धर्म आधारित जनगणना के बारे में आलोचकों का कहना है कि यह गलत समय पर जारी किया गया आंकड़ा है। क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इन आंकड़ाें को लेकर सियासत गरम हो सकती है। आलोचकों का कहना है कि अगर धर्म आधारित आंकड़े जारी कर दिए गए तो जाति आधारित क्यों नहीं किए गए।