Advertisement

‘सेना’ वाले बयान पर घिरे भागवत, कांग्रेस ने बताया भारतीयों का अपमान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत सेना तैयार करने वाले बयान को लेकर विवादों में फंस गए हैं।...
‘सेना’ वाले बयान पर घिरे भागवत, कांग्रेस ने बताया भारतीयों का अपमान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत सेना तैयार करने वाले बयान को लेकर विवादों में फंस गए हैं। कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दल भागवत को आड़े हाथ ले रहे हैं वहीं अब आरएसएस के नेता सफाई देने में जुट गए है। 

दरअसल रविवार को मोहन भागवत ने कहा था कि यदि आवश्यकता पड़ी तो देश के लिये लड़ने की खातिर आरएसएस के पास तीन दिन के भीतर ‘सेना’ तैयार करने की क्षमता है। सेना को सैन्यकर्मियों को तैयार करने में छह से सात महीने लग जाएंगे, लेकिन संघ तीन दिन में सैन्यकर्मियों को तैयार देगा। भागवत ने कहा, “यह हमारी क्षमता है पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं लेकिन संघ में सेना जैसा अनुशासन है। अगर कभी देश को आवश्यकता हो और संविधान अनुमति दे तो स्वयं सेवक मोर्चा संभाल लेंगे।” 

भागवत के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि संघ प्रमुख ने अपने भाषण में सभी भारतीयों का अपमान किया है, ये हर उस इंसान का अपमान है जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी है। ये हमारे तिरंगे का अपमान है। राहुल ने इस बयान को शर्मनाक बताया और माफी मांगने की बात कही।

विवाद बढ़ता देख आरएसएस ने भी भागवत के बयान पर सफाई दी है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, “संघ प्रमुख के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। भागवत जी ने कहा था कि परिस्थिति आने पर तथा संविधान द्वारा मान्य होने पर भारतीय सेना को सामान्य समाज को तैयार करने के लिए 6 महीने का समय लगेगा तो संघ स्वयंसेवकों को भारतीय सेना 3 दिन में तैयार कर सकेगी, कारण स्वयंसेवकों को अनुशासन का अभ्यास रहता है। यह सेना के साथ तुलना नहीं थी पर सामान्य समाज और स्वयंसेवकों के बीच में थी, दोनों को भारतीय सेना को ही तैयार करना होगा।”

गौरतलब है कि बिहार के मुझफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख ने यह विवादित बयान दिया था।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad