मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का दावा है कि इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो हजार छात्र इकट्ठा होंगे। इस कार्यक्रम में शामिल होने के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह को बुलावा भेजा है। हालांकि घाटी में भाजपा की सहयोगी पीडीपी को दिल्ली में होने वाले इस सम्मेलन की कोई खबर नहीं है। घाटी के अशांत होने के बारे में समझा जाता है कि इसमें वहां के युवाओं का बड़ा हाथ है। इन्हीं युवाओं को ‘राष्ट्र से जोड़ने’ की खातिर यह सम्मेलन किया जा रहा है।
अलगाववादियों ने इशे समाज को दो धड़ों में बांटने की कवायद बताया है। इस सम्मेलन में जनरल वीके सिंह, मुख्तार अब्बास नकवी, कृष्ण पाल गुर्जर, जामिया मिलिया इस्लामिया के प्राध्यापक तलत अहमद भी मौजूद होंगे। हालांकि केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने एक अखबार से बातचीत में कहा है कि यदि मेरे पास समय हुआ तो मैं जरूर जाऊंगा। मुस्लिम मंच घाटी में लंबे समय से काम कर रहा है। चुनावों में भी इसके राष्ट्रीय संयोजक गिरिश जुआल ने महती भूमिका अदा की थी।