कार्मिक, शिकायत एवं पेंशन मामलों के राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि आरटीआई नियमों में आवेदनों और शिकायतों के साथ फोटो पहचान पत्र लगाए जाने के बारे में विशेष तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
उन्होंने बताया लेकिन फ्रूट मर्चेंट यूनियन विरूद्ध सीआईसी और अन्य के मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के दो नवंबर 2012 को दिए गए फैसले के दिशा-निर्देशों के अनुसार आवदेक से केंद्रीय सूचना आयोग में शिकायत दायर करते समय या अपील करते हुए अन्य दस्तावेजों के साथ उनके फोटो पहचान पत्र लगाने के लिए कहा गया।
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि बहरहाल, आयोग ने तय किया है कि आवेदक द्वारा फोटो पहचान पत्र न लगाए जाने के आधार पर कोई आवेदन या शिकायत को लौटाया नहीं जाएगा। एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने बताया कि 30 सितंबर 2015 की स्थिति के अनुसार, विभिन्न विभागों में कुल।,54,512 आरटीआई आवेदन लंबित हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012-13 में 8,86,681 आरटीआई आवेदन विभिन्न विभागों को मिले जिनमें से 62,231 खारिज कर दिए गए। वर्ष 2013-14 में कुल 9,62,630 आवेदन मिले जिनमें से 60,127 को खारिज कर दिया गया।
सिंह ने बताया कि वर्ष 2914-15 में मिले 8,45,032 आवेदनों में से 63,351 को खारिज किया गया और 2015-15 में 30 सितंबर तक 3,76,435 आवेदन मिले जिनमे से 25,792 को खारिज कर दिया गया।