अब आरटीआई आवेदकों से मनमानी फीस नहीं वसूली जा सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि 'सूचना का अधिकार अधिनियम' (आरटीआई) के तहत दिए जाने वाले आवेदनों के लिए शुल्क तय कर दिया है।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अब अधिकतम शुल्क 50 रुपये होगा और फोटोकॉपी शुल्क पांच रुपये प्रति पृष्ठ होगा। सर्वोच्च न्यायालय का आदेश उच्च न्यायालयों, विधानसभाओं और अन्य सरकारी और आरटीआई अधिनियम के दायरे में आने वाली सभी स्वायत्त संस्थाओं पर लागू होगा।
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ विभिन्न उच्च न्यायालयों और छत्तीसगढ़ विधानसभा समेत अन्य प्राधिकरणों के आरटीआई नियमों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर यह आदेश दिया हा।
इन सभी प्राधिकरणों ने आरटीआई आवेदन तथा फोटोकॉपी के लिए भारी-भरकम शुल्क लागू कर रखे हैं। एक गैर सरकारी संगठन 'कॉमन कॉज' ने न्यायालय में याचिका दायर की थी कि आरटीआई आवेदन के लिए ज्यादा फीस लेकर जनता को इस सेवा के लिए हतोत्साहित किया जा रहा है, ताकि उन्हें जानकारी न मिल सके।