मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की नजरबंदी खत्म किए जाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि हाफिज की रिहाई के आदेश से साफ है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर पाकिस्तान गंभीर नहीं है। हमलों की साजिश रचने वालों को न्याय के कठघरे में खड़ा करने की उसकी कोई मंशा नहीं है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी को खुला घूमने की अनुमति मिलने से पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरह भारत भी आहत है। यह सबूत है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को समर्थन और शह देने की अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं किया है। उसकी असलियत एक बार फिर सबके सामने आ गई है।
हाफिज जनवरी से नजरबंद था। बुधवार को पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने उसकी नजरबंदी की मियाद को तीन महीने बढ़ाने के सरकार के आग्रह को खारिज करते हुए रिहाई के आदेश दिए थे। बोर्ड ने कहा था कि यदि जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसे रिहा करने का आदेश दिया जाता है। आज रात में वह रिहा हो सकता है। हाफिज के वकील एके डोगर ने यह जानकारी दी।
अमेरिका ने भी हाफिज की नजरबंदी समाप्त करने पर नाराजगी जताई है। अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित कर रखा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका की नजर में हाफिज अब भी अातंकी है और उसका संगठन जमात-उद-दावा भी प्रतिबंधित है।
कुलभूषण की पत्नी की सुरक्षा की मांगी गारंटी
कुलभूषण मामले पर रवीश कुमार ने कहा कि जाधव की मां ने काफी पहले पाकिस्तान में अपने बेटे से मिलने का अनुरोध किया था। भले ही उनका यह अनुरोध लटका हुआ था, लेकिन भारत ने पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव की उनकी पत्नी से मुलाकात कराने के प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। हमने कहा है कि कुलभूषण जाधव की पत्नी उनसे मिलने के लिए अपनी सास के साथ जाना चाहती हैं। हमने पाकिस्तान की सरकार से इन दोनों की सुरक्षा की गारंटी मांगी है।