हरियाणा के खाप पंचायत द्वारा एक मार्च से सरकारी सहकारी समितियों को 100 रुपये प्रति लीटर दूध बेचने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को स्पष्ट किया कि किसानों द्वारा 1-5 मार्च के बीच दूध की बिक्री के बहिष्कार या बाद में कीमत में बढ़ोतरी के लिए कोई आह्वान नहीं किया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने यह टिप्पणी एक दिन बाद जारी की जिसमें हरियाणा के हिसार के एक खाप पंचायत द्वारा केंद्र के कृषि कानूनों और ईंधर के बढते हुए मुल्य के विरोध में सरकारी सहकारी समितियों में डियरी किसानों को 100 रुपये प्रति लीटर दूध बेचने का आग्रह किया गया था।
एसकेएम के बयान के अनुसार एक सोशल मीडिया संदेश उसके नाम पर वायरल हो रहा था और जिसके बाद दूध के दामों को लेकर यह स्पष्टीकरण दिया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से अनुरोध किया है कि वह किसी भी ऐसे गलत पोस्ट को नजर अंदाज करें, जो उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा के नाम से मिल रही है।
बता दें कि हजारों किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कई महीनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्श कर रहे हैं। सरकार कृषि कानूनों में संशोधन की बात कर रही है वहीं किसान तीनों कानूनों के निरस्त करने की मांग के लिए अड़े हुए हैं।