उत्तर प्रदेश हाथरस कथित गैंगरेप मामले को लेकर कई याचिकाकर्ताओं की तरफ से दायर अपील को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले को एक सप्ताह के लिए टाल दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, “हम इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष कार्यवाही के दायरे को लेकर सभी से सुझाव चाहते हैं कि हम इसका विस्तार करने के लिए क्या कर सकते हैं।“
साथ ही कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि हम इस बारे में जानना चाहते हैं कि हाथरस मामले में गवाहों की सुरक्षा कैसे की जा रही है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को बुधवार तक हलफनामा दायर करने को कहा है। जिस पर यूपी सरकार ने एक और दिन का समय मांगते हुए कहा कि वो गुरुवार को हाथरस मामले में गवाहों की सुरक्षा को लेकर हलफनामा दायर करेंगे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ये भयानक घटना है। कोर्ट ने हाथरस मामले को लेकर वकीलों को बताया कि हम अदालत में दोहराव वाले तर्क नहीं चाहते हैं। वहीं, यूपी सरकार ने कोर्ट से अपील की है कि मामले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए जाएं और अपनी निगरानी में जांच कराई जाए। कोर्ट में यूपी सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि हाथरस मामले में कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही है। इसको लेकर कहानियां बुनी जा रही है जिसे रोकने की जरूरत है।
बीते सप्ताह सीएम योगी ने हाथरस गैंगरेप मामले की जांच के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। वहीं, घटना के तुरंत बाद योगी सरकार ने एसआईटी का गठन कर मामले के जांच के आदेश दिए थे। हालांकि, परिवार सीबीआई जांच नहीं चाहता है। पीड़िता के परिवार की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच हो।
हाथरस कथित गैंगरेप का मामला 14 सितंबर को आया था। जिसके बाद पीड़िता को अलीगढ़ जेएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां हालत बिगड़ने के बाद उसे करीब दो सप्ताह बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।