चार जजों की पीसी पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का कहना है कि बिना किसी ठोस मुद्दे और योजना के मीडिया के सामने आए। असली वजह या गड़बड़ी पर कोई बात नहीं की। एसोसएशन की इस घटना पर विचार के लिए शाम को बैठक बुलाई गई है।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विकास सिंह का कहना है कि जजों ने पीसी करके कोई ठोस तथ्य पेश नहीं किया। केवल लोगों के दिमाग में शक पैदा किया है जिससे न्यायिक व्यवस्था का कोई हित नहीं होगा। चारों जजों ने जस्टिस लोया को लकेर भी कुछ नहीं कहा। मेरा मानना है कि इसकी पूरी तैयारी नहीं की गई थी और बिना योजना के पीसी कर दी गई। एसोसिएशन की बैठक में जजों द्वारा चीफ जस्टिस पर लगाए गए आरोपों पर विचार किया जाएगा।
मालूम हो कि आजाद भारत के इतिहास में यह पहला मौका था, जब सुप्रीम कोर्ट के चार सिटिंग जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने अपनी बात रखी। जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कूरियन जोसेफ इसमें मौजूद रहे। उनका कहना था कि चीफ जस्टिस चार सबसे सीनियर जजों की बात भी नहीं सुनते। कोर्ट का प्रशासन ठीक से काम नहीं कर रहा जो चीजें होनी चाहिए थे वह नहीं हो पाई। स्वतंत्र न्यायपालिका के बिना लोकतंत्र का अस्तित्व भी संभव नहीं है।