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भारतीय विज्ञान कांग्रेस में बोले पीएम मोदी, स्‍टार्टअप्‍स के मामले में भारत टॉप 3 देशों में शामिल, 8 साल में हुए असाधारण काम

भारतीय विज्ञान कांग्रेस की शुरुआत आज औपचारिक रूप से हो गई है। 108वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस में...
भारतीय विज्ञान कांग्रेस में बोले पीएम मोदी, स्‍टार्टअप्‍स के मामले में भारत टॉप 3 देशों में शामिल, 8 साल में हुए असाधारण काम

भारतीय विज्ञान कांग्रेस की शुरुआत आज औपचारिक रूप से हो गई है। 108वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि आज अपना देश भारत स्‍टार्टअप्‍स के मामले में शीर्ष 3 देशों में शामिल है। पीएम मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये साइंस कांग्रेस में शामिल होते हुए कहा, ‘स्‍टार्टअप्‍स के मामले में भारत आज टॉप 3 देशों में शामिल है।

नागपुर के तुकड़ोजी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के शीर्ष देशों में शामिल हो रहा है और अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की बड़ी भूमिका होगी। मोदी ने कहा कि आज का भारत जिस ‘वैज्ञानिक एप्रोच’ के साथ आगे बढ़ रहा है, उसके नतीजे भी दिख रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘विज्ञान के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के शीर्ष देशों में शामिल हो रहा है। 2015 तक हम 130 देशों के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें नंबर पर आते थे लेकिन 2022 में हम 40वें नंबर पर पहुंच गए हैं।’’ मोदी ने कहा कि भारत में विज्ञान भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी में हमारे पास दो चीजें बहुतायत में हैं, पहली डाटा और दूसरी प्रौद्योगिकी। इन दोनों में भारत के विज्ञान को बुलंदियों पर पहुंचाने की ताकत है। अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की बड़ी भूमिका है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान के प्रयास, बड़ी उपलब्धियों में तभी बदल सकते हैं जब वह प्रयोगशाला से निकलकर जमीन तक पहुंचें। उन्होंने कहा, ‘‘जब उसका प्रभाव ग्लोबल से लेकर ग्रासरूट तक हो, जब उसका विस्तार जर्नल्स से लेकर जमीन तक हो, जब उससे बदलाव रिसर्च से होते हुए रियल लाइफ में दिखने लगे।’’

उन्होंने कहा कि आज देश की सोच केवल यह नहीं है कि विज्ञान के जरिए महिला सशक्तीकरण करें बल्कि महिलाओं की भागीदारी से विज्ञान का भी सशक्तीकरण करें।

इस वर्ष के आईएससी का मुख्य विषय ‘‘महिला सशक्तीकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी’’ है।

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