हत्या के दो मामलों में दोषी करार दिए गए रामपाल को हिसार की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आजीवन कारावास के अलावा रामपाल पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
रामपाल को बीते 11 अक्टूबर को ही दोषी करार दिया गया था।रामपाल के साथ 15 दोषियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई। सुरक्षा को देखते हुए कोर्ट ने जेल में ही सजा सुनाई।
जिन मामलों में रामपाल को सजा सुनाई गई है, उनमें पहला केस महिला भक्त की संदिग्ध मौत का है, जिसकी लाश उनके सतलोक आश्रम से 18 नवंबर 2014 को बरामद की गई थी।
जबकि दूसरा मामला उस हिंसा से जुड़ा है जिसमें रामपाल के भक्त पुलिस के साथ भिड़ गये थे। इस दौरान करीब 10 दिन चली हिंसा में 4 महिलाएं और 1 बच्चे की मौत हो गई थी। 67 वर्षीय रामपाल और उसके अनुयायी नवम्बर, 2014 में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद थे। रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ बरवाला पुलिस थाने में 19 नवम्बर, 2014 को दो मामले दर्ज किये गये थे।
इससे पहले, हिसार अदालत ने अगस्त 2017 में रामपाल को लोगों को बंधक बनाने, गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा होने, लोकसेवक के आदेश की अवहेलना करने के दो मामलों में बरी कर दिया था।
रामपाल इसके अलावा हत्या की साजिश रचने, देशद्रोह व दंगा भड़काने के आरोपों का सामना कर रहा है। वह और उसके करीबी सहयोगियों व निजी सेना ने नवंबर 2014 में पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के उसे गिरफ्तार करने की आज्ञा के बावजूद पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया था। रामपाल के बच निकलने के प्रयास के क्रम में पांच महिलाओं व एक शिशु की मौत हो गई थी।