सरकार ने बुधवार को कहा कि कालेधन पर अंकुश लगाने वाला विधेयक संसद के चालू सत्र में लाया जाएगा और उसे उम्मीद है कि देशहित से जुड़े इस महत्वपूर्ण मामले में कानून बनाने के लिए विपक्ष पूरा सहयोग करेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को कालाधन पर नए विधेयक को मंजूरी प्रदान की है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री मंत्री नितिन गडकरी ने संसद भवन परिसर में कहा कि पहली बार कालाधन पर लगाम लगाने के लिए ठोस पहल की गई है। सरकार ने कालाधन पर लगाम लगाने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है और इसके लिए एक पारदर्शी पद्धति पेश की है। उन्होंने कहा कि कालाधन पर अंकुश लगाने से संबंधित एक विधेयक इसी सत्र में लाया जाएगा जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान कर दी है।
उन्होंने कहा कि कोई बिना जानकारी दिए विदेश में पैसा रखेगा तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। कालाधन के मामले में 10 साल तक सजा का प्रावधान होगा। गडकरी ने कहा कि इससे कोई भी विदेश में इस तरह से पैसा रखने की हिम्मत नहीं करेगा और देश की अर्थव्यवस्था को भी हजारों करोड़ रूपये प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि इससे गरीबों को रोजगार मिलेगा, ग्रामीण क्षेत्रों का विकास हो सकेगा और आधारभूत ढांचे को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। गडकरी ने कहा, मुझे उम्मीद है कि इस विधेयक पर विपक्ष का समर्थन मिलेगा और देश हित से जुड़े इस महत्वपूर्ण कानून को बनाने में वे पूरा सहयोग करेंगे।
नए विधेयक अज्ञात विदेशी आय और संपत्तियां (नया कर आरोपण) विधेयक, 2015 के तहत इस तरह के अपराध में समझौते की कोई गुंजाइश नहीं होगी और दोषियों को निपटान आयोग में जाने की अनुमति नहीं होगी। इसमें छुपाई गई आय व संपत्तियों पर करों का 300 प्रतिशत की दर से जुर्माना लगाया जाएगा। विधेयक के तहत विदेशी संपत्तियों के अपर्याप्त खुलासे के साथ रिटर्न दाखिल करने या आयकर रिटर्न नहीं दाखिल करने पर सात साल तक के कठोर कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। प्रस्तावित विधेयक के तहत विदेशी संपत्तियों से जुड़े कर की चोरी तथा संपत्तियों व आय को छुपाने पर दस साल तक के कठोर कारावास का प्रावधान होगा। सूत्रों ने कहा कि चूंकि यह धन विधेयक है इसलिए इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद लोकसभा में पेश किया जाएगा। इस विधेयक को लोकसभा के मौजूदा सत्र में ही पेश किए जाने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि सरकार पर विदेशों में जमा काले धन के मामले में कार्रवाई करने के लिए दबाव है क्योंकि भाजपा व मोदी ने पिछले साल चुनाव अभियान के दौरान इसे बड़ा मुद्दा बनाया था और काले धन को जल्द वापस लाने का वादा किया था। इसके तहत अगर व्यक्ति, इकाई, बैंक या वित्तीय संस्थान इस तरह के अपराध में शामिल पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ अभियोजन चलेगा। इसके तहत विदेशी संपत्तियों के मामले में आय छुपाने या कर चोरी को मनी लांड्रिंग रोधी अधिनियम (पीएमएलए) के अधीन गंभीर अपराध बनाया जाएगा।