आगामी भारत-पाक एनएसए स्तरीय वार्ता को लेकर जारी अनिश्चितता के बीच आज सुबह दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले शाह ने जम्मू-कश्मीर में मीडिया से कहा कि वह कल अजीज से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा, बहुत भ्रम है। खैर, मैं जा रहा हूं। अपनी रवानगी से पहले शाह ने संवाददाताओं से कहा आज हम भारत के लोगों से पूछने जा रहे हैं कि क्या भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उनके नेता लाल कृष्ण आडवाणी या मनमोहन सिंह गलत थे। अपने कार्यकाल में कभी भी उन्होंने भारत दौरे पर आने वाले पाकिस्तानी अधिकारियों से मिलने से नहीं रोका।
उन्होंने जोर दिया, कश्मीर एक महत्वपूर्ण मुद्दा है...पाकिस्तान का रुख स्पष्ट है। वे कह रहे हैं कि वे वार्ता के लिए आएंगे और उन्हें जो कहना है कहेंगे। भारत भी अपनी दलीलें पेश कर सकता है लेकिन कश्मीर को जरूर शामिल करना चाहिए। पिछले साल हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े से अलग होने वाले वाले और अलग संगठन बनाने वाले शाह को कल नजरबंद कर दिया गया और उन्हें जुमे की नमाज के लिए नहीं जाने दिया गया।
उमर ने किया ट्वीट
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने व्यंग्य करते हुए कहा है कि पाकिस्तान की चाल को विफल करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की वार्ता का आयोजन स्थल दिल्ली से बदलकर इस्लामाबाद कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘यहां एक विचार है- चूंकि दोनों देश बात करने को उत्सुक हैं तो भारतीय एनएसए पाकिस्तान की चाल को विफल क्यों नहीं करते और आयोजन स्थल बदलकर इस्लामाबाद क्यों नहीं करते।’ उमर की सलाह तब आई है जब पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज की यात्रा के दौरान हुर्रियत नेताओं से उनकी प्रस्तावित मुलाकात के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान दोनों ही अपने-अपने रुख पर अड़े हैं।