विश्व की यात्रा पर निकले इस विमान की भारत की एक सप्ताह लंबी यात्रा समाप्त हो गई। विमान ने गुरूवार सुबह करीब पांच बजकर 22 मिनट पर वाराणसी हवाईअड्डे से उड़ान भरी। इस विमान को सह पायलट एवं परियोजना के अध्यक्ष बरटांड पिकार्ड उड़ा रहे हैं। विमान वाराणसी में करीब आठ घंटे रूका।
सोलर इम्पल्स के सीईओ और पायलट आंद्रे बोर्शबर्ग इस विमान को अहमदाबाद से वाराणसी लाए थे। विमान 13 घंटे में अहमदाबाद से वाराणसी पहुंचा था। विमान बुधवार रात साढ़े आठ बजे के बाद बाबतपुर में लाल बहादुर शास्त्री हवाईअड्डे पहुंचा। अहमदाबाद में विमान और उसके चालक दल के सदस्य एक सप्ताह के लिए रूके थे। विमान ने वाराणसी के लिए उड़ान भरते समय करीब 5,200 मीटर की न्यूनतम ऊंचाई बनाए रखी। विमान 10 मार्च को अहमदाबाद पहुंचा था। इसने नौ मार्च को आबू धाबी से यात्रा शुरू की थी। स्विट्जरलैंड के सह पायलट पिकार्ड विमान को मस्कट से अहमदाबाद लेकर आए थे जबकि बोर्शबर्ग इसे अहमदाबाद से वाराणसी लाए।
ऐसा दावा किया जा रहा है कि सोलर इम्पल्स ईंधन की एक बूंद का भी इस्तेमाल किए बिना केवल सौर ऊर्जा से दिन और रात में उड़ान भरने वाला पहला विमान है। एसआई-2 म्यामां के मांडले से चीन के चोंगछिंग एवं नानचिंग और फिर अमेरिका के लिए उड़ान भरेगा।