पचौरी की अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राज कुमार त्रिापाठी ने मामले के जांच अधिकारी को नोटिस भी जारी करके पचौरी के आवेदन पर उनका जवाब मांगा।
अदालत ने अपने आदेश में आवेदक (पचौरी) की बीमारी पर रिपोर्ट देने के लिये जांच अधिकारी को नोटिस जारी किया और उनकी बीमारी संबंधित दस्तावेजों के सत्यापन के लिये कहा। अदालत ने कहा कि इस मामले की अब 26 फरवरी को आगे सुनवाई होगी और इस दौरान आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होगी।
पचौरी के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि वह मामले के गुण-दोष के साथ-साथ उनकी बीमारी के आधार पर उनके लिए अग्रिम जमानत की मांग कर रहे हैं।
इस पर अदालत ने पूछा कि पचौरी को किस तरह की बीमारी है।
लूथरा ने कहा, हमने उनकी बीमारी के बाबत सारे मेडिकल रिकॉर्ड जमा किए हैं जिसमें हृदय रोग एवं यूटीआई से जुड़े मामले शामिल हैं।
उन्होंने अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय ने 19 फरवरी से लेकर आज की तारीख तक पचौरी को राहत दी थी और इसी वजह से वह अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल कर रहे हैं।
बहरहाल, शिकायतकर्ता के वकील प्रशांत मेंदीरत्ता ने अदालत से मामले की सुनवाई कल करने का अनुरोध किया।
मेंदीरत्ता ने कहा, जांच अधिकारी कल तक जवाब दे सकते हैं और मेडिकल रिकॉर्ड का सत्यापन बहुत आसानी से किया जा सकता है। आरोपी पर लगाए गए आरोप बहुत गंभीर हैं जिसमें शिकायतकर्ता को दबोचना और शारीरिक हमला शामिल है।
मेंदीरत्ता ने दलील दी कि लंबे समय तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण नहीं देना चाहिए क्योंकि आरोपी एक प्रभावशाली व्यक्ति है और उस संगठन का प्रमुख है जहां शिकायतकर्ता काम कर रही है।
बहरहाल, अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी को आकर अपना जवाब दाखिल करने दें।
पचौरी के खिलाफ 13 फरवरी को लोधी काॅलोनी पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 354-ए, 354-डी और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पचौरी ने भी पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके सेल फोन और कंप्यूटर जैसे संचार उपकरण हैक किए गए हैं।
उच्च न्यायालय के निर्देश पर पचौरी ने राहत के लिए निचली अदालत का रूख किया था। उच्च न्यायालय ने 19 फरवरी को उनकी गिरफ्तारी पर आज तक के लिए रोक लगा दी थी।