Advertisement

सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश छह माह में : पनगढि़या

सरकार को अगले छह महीने में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की उम्मीद है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने कहा कि इसके अलावा सरकार उन बीमार कंपनियों को बंद करने पर भी विचार कर रही है जिनका पुनरोद्धार संभव नहीं है।
सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश छह माह में : पनगढि़या

पनगढि़या ने कहा, मैं कहना चाहूंगा कि रणनीतिक विनिवेश के संबंध में अगले छह महीने में आप गतिविधियां देखेंगे जिसका अर्थ है कि प्रक्रिया जारी है लेकिन आपको अगले छह महीने या इससे कम में कुछ गतिविधियां दिखेंगी। सरकार ने नीति आयोग को रणनीतिक निवेश के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की पहचान का जिम्मा दिया है। इसके तहत बिक्री के तौर तरीके,  सीपीएसई की बेची जाने वाली हिस्सेदारी का अनुपात और मूल्यांकन की प्रक्रिया भी शामिल है।

पनगढि़या ने कहा कि नीति आयोग ने उन बीमार इकाइयों की पहचान के संबंध में एक रपट तैयार की है जिन्हें बंद करने की जरूरत है। उन्होंने एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा, इन दोनों मुद्दों में से एक रपट बीमा कंपनियों को बंद करने के संबंध में है जो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है और पुनरोद्धार की कोशिश बार-बार नाकाम हो रही है। मुझे लगता है कि उन्हें बंद करने की जरूरत है। सीपीएसई में रणनीतिक विनिवेश नीति आयोग समेत विभिन्न मंत्रालयों के बीच परामर्श प्रक्रिया के जरिए किया जाना है।

सरकार के 2016-17 के बजट प्रस्तावों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सरकारी हिस्सेदारी बेचकर 56,500 करोड़ रुपये जुटाये जायेंगे। इसमें से 36,000 करोड़ रुपये सार्वजनिक उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेादरी बेचकर जबकि शेष 20,500 करोड़ रुपये रणनीतिक बिक्री के जरिये जुटाये जायेंगे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad