सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहन एम शांतनागोदर का शनिवार देर रात गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 62 वर्ष के थे। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि न्यायमूर्ति शांतनागोदर को फेफड़े में संक्रमण की वजह से मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वह आईसीयू में थे।
अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार देर रात तक उनकी हालत स्थिर बताई गई थी। अधिकारी ने बताया कि हालांकि, देर रात लगभग 12:30 बजे उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने परिवार को यह दुखद समाचार दिया।
सूत्रों ने न तो इसकी पुष्टि की और न ही इससे इनकार किया कि न्यायाधीश कोरोना वायरस से संक्रमित थे या नहीं।
न्यायमूर्ति शांतनागोदर को 17 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया था। उनका जन्म पांच मई 1958 को कर्नाटक में हुआ था। उन्होंने पांच सितंबर 1980 को एक वकील के तौर पर पंजीकरण कराया था। सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किये जाने से पहले न्यायमूर्ति शांतनागोदर केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे।