भारत-नेपाल के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। सोमवार को नेपाल ने बिहार से सटी सीमा पर बांध मरम्मत कार्य पर रोक लगा दी है। राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा है कि नेपाल गंडक बांध के मरम्मत कार्य की अनुमति नहीं दे रहा है। इसके अलावा नेपाल ने कई अन्य स्थानों पर मरम्मत का काम रोक दिया है। जिस पर उन्होंने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखने का फैसला लिया है।
बता दें कि नेपाल और भारत के बीच पिछले कई दिनों से नए नक्शे को लेकर विवाद जारी है। नेपाल ने उत्तराखंड के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने नक्शे में शामिल कर लिया है।
पत्र लिखने के फैसले पर तेजस्वी यादव ने उठाए सवाल
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने नेपाल द्वारा उठाए गए कदम के बाबत बिहार सरकार द्वारा केंद्रीय विदेश मत्रालय (एमईए) को पत्र लिखने के फैसले को लेकर सवाल उठाए हैं। तेजस्वी ने कहा है कि सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए केंद्र सरकार पर दायित्व थोपने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अब मॉनसून आ चुका है। पूरा उत्तर बिहार बाढ़ के खतरे में है और राज्य सरकार विदेश मंत्रालय को पत्र लिख रही है।
पूर्वी चंपारण में भी मरम्मत कार्य पर रोक
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि बैराज में कुल 36 गेट हैं। जिनमें से 18 नेपाल में आता हैं। भारत के हिस्से आने वाले सभी गेट का मरम्मत कार्य हो चुका है। जिस इलाके में बाढ़ से निपटने के लिए मरम्मत का सामान रखा है, नेपाल ने वहां बैरियर लगा दिया हैं। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। साथ ही नेपाल ने पूर्वी चंपारण जिले में लालबकेया नदी पर तटबंध की मरम्मत कार्य को रोक दिया है। यहां पर नदी के ऊपर तटबंध का निर्माण किया था लेकिन लॉकडाउन की वजह से कार्य को पूरा नहीं किया गया था। अब राज्य में मॉनसून ने दस्तक दे दी है।