रेल मंत्रालय द्वारा तीन अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया है। जिसमें उत्तरी रेलवे के जीएम आर के कुलश्रेष्ठ, रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंजीनियरिंग) आदित्य मित्तल और दिल्ली के डीआरएम आरएन सिंह शामिल हैं। वहीं उत्तर रेलवे के मुख्य ट्रैक इंजीनियर का तबादला कर दिया गया है। इसके साथ ही चार अफसरों को निलंबित किया गया है।
#Muzaffarnagar train derailment: Four railway officials suspended, one transferred, DRM Delhi and GM Northern Railway sent on leave. pic.twitter.com/hKFV6fy1EM
— ANI (@ANI) 20 August 2017
रविवार को रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे बोर्ड अध्यक्ष को निर्देश दिया था कि मौजूदा सबूतों के आधार पर शाम तक जिम्मेदारी तय की जाए। जिसके बाद शुरूआती जांच में ट्रैक की मरम्मत होने की बात सामने आई थी।
ट्रैक पर चल रहा था मरम्मत का काम
रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि उन पटरियों पर मरम्मत का काम किया जा रहा था, जो ट्रैक से उतरने का कारण हो सकता है। यदि बिना अनुमति के पटरियों पर मरम्मत का काम किया गया हो तो जांच से पता चल जाएगा।
बता दें कि दुर्घटना स्थल पर ट्रैक के पास हथौड़ा, रिंच, पाना,पेचकस जैसे औजार मिले। ये सारे औजार रेलवे के ही बताए जा रहे हैं। इससे यह आंशका गहरी हुई कि ट्रैक पर मरम्मत का काम जारी था। इसके अलावा जिस रेलवे ट्रैक पर यह दुर्घटना घटी, वहां ट्रैक का कटा हुआ टुकड़ा मिला। साथ ही फिश प्लेट भी मिली जो दो पटरियों को जोड़ती है।
स्टेशन मास्टर को नहीं थी जानकारी
साथ ही समाचार चैनल एबीबी न्यूज के मुताबिक खतौली के स्टेशन सुपरिंटेंडेंट राजेंद्र सिंह का दावा है कि स्टेशन मास्टर को तकनीकी खराबी की कोई जानकारी नहीं थी।
स्टेशन सुपरिंटेंडेंट का कहना है कि जब ये दुर्घटना हुई तब स्टेशन मास्टर प्रकाश सिंह ड्यूटी पर थे, जिन्हें इंजीनियरिंग विभाग ने किसी तकनीकी खराबी की सूचना नहीं दी थी। राजेंद्र सिंह के मुताबिक अगर इंजीनियरिंग विभाग से सूचना मिलती तो ट्रेन रोकी जा सकती थी और ये बड़ी दुघटना नहीं होती।
आतंकी एंगल ध्वस्त
उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्कल एक्सप्रेस हादसे में किसी भी आतंकवादी संबंध से इनकार किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) आनंद कुमार ने कहा कि इस दुर्घटना में किसी आतंकवादी संगठन की भागीदारी का कोई सबूत नहीं है।
उन्होंने बताया, "आतंकवाद विरोधी दस्ते दुर्घटना स्थल पर कल से डेरा डाले हुए हैं। अब तक किए गए जांच के अनुसार, किसी भी आतंकवादी संगठन के हाथ होने का कोई ठोस सबूत नहीं है। संभावना है कि कुछ अन्य तकनीकी कारणों से पटरी से ट्रेन उतरी हो।
गौरतलब है कि इस हादसे में आतंकी कनेक्शन की आशंका जताते हुए पूरे मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने एटीएस की टीम को भेजने का फैसला लिया था। बीते साल कानपुर, रूरा और इंदौर में हुए हादसों में भी आतंकी संबंध की बात कही गई थी।
लापरवाही से तबाह हुईं जिंदगियां
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली में शनिवार की शाम मौत बनकर आई। करीब 05:45 बजे पुरी से हरिद्वार जाने वाली कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दुर्घटना में अब तक 23 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हैं।