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देशभर में फैली मध्यप्रदेश के चाय स्टार्टअप की खुशबू, 100 शहरों में खोले आउटलेट्स

स्टार्ट-अप के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ते मध्यप्रदेश में स्टार्टअप्स को और अधिक बढ़ावा देने और नए...
देशभर में फैली मध्यप्रदेश के चाय स्टार्टअप की खुशबू, 100 शहरों में खोले आउटलेट्स

स्टार्ट-अप के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ते मध्यप्रदेश में स्टार्टअप्स को और अधिक बढ़ावा देने और नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए, मध्यप्रदेश सरकार स्टार्टअप नीति और कार्यान्वयन योजना - 2022 तैयार की है। मध्यप्रदेश में साल 2016 में सिर्फ 7 डीपीआईआईटी से मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप थे। प्रदेश सरकार की स्टार्ट-अप नीति और सहयोग से वर्तमान में 1900 से अधिक डीपीआईआईटी से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं। प्रदेश में कई ऐसे सफल स्टार्टअप हैं जिनके नए बिजनेस आइडियाज की चर्चा हर जगह हो रही है , इनमे से एक है टीलॉजी स्टार्ट-अप।

नई उम्मीदों के शिखर पर टी -लॉजी स्टार्ट-अप

देश में जब भी चाय की चर्चा होती है तो आमतौर पर सड़क के किनारे ढाबों में मिलने वाली चाय, होटल या फिर घर की बात होती है। कभी किसी कंपनी का जिक्र लोगों की जुबान पर नहीं आता  लेकिन अब चाय के स्टार्ट अप भी धूम मचा रहे हैं। एक अच्छा विचार और सही नीति किसी भी व्यवसाय को परवान चढ़ा सकती है।मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के  अभयपुर गाँव के रहने वाले अजय पाटीदार और धाराखेड़ी के शुभम पाटीदार के जेहन में भी ऐसा ही विचार आया  जिसे उन्होंने एक स्टार्टअप का रूप देकर नए मुकाम पर  पहुंचा दिया।

चाय आज भी अधिकतर भारतीयों के जीवन का हिस्सा है। सुबह की शुरुआत अगर बेहतर चाय की चुस्कियों के साथ हो जाए तो पूरा दिन अच्छा निकल जाता है। इसी चाय को एक स्टार्ट अप का रूप देकर मध्य प्रदेश के प्रतिभाशाली युवा अजय पाटीदार और शुभम पाटीदार ने देश भर में  अपनी एक नई पहचान बनाई है। उनकी सफलता आज देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का काम कर रही है।

गांव से मिला कुल्हड़ चाय का आइडिया 

अजय कहते हैं उनको घूमने फिरने का खूब शौक है। एक बार प्रवास के दौरान एक गांव में कुल्हड़ चाय का स्वाद लिया जो उनके मन को भा गया। फिर इंदौर में ठेले पर लोगों को चाय पीते देखा तो चाय पर ही कुछ नया करने का मन बनाया। कुम्हारों के हाथ से बने कुल्हड़ में जब उन्होंने घर पर चाय पी तो उसके स्वाद का अंदाज निराला लगा। इस छोटे से विचार ने उनकी जिंदगी को सही मायनों में बदलकर रख दिया। इसे देखकर चाय को कुल्हड़ में पेश करते हुए वे इसे लोगों के बीच पहुंचे।

कुल्हड़ कैफे से टी लॉजी की शुरुआत

अजय और शुभम बताते हैं वे दोनों पढ़ाई करने के लिए जब इंदौर गए तो उन्हें पढ़ाई रास नहीं आई और  कुल्हड़ कैफे शुरू करने की ठान ली। महज 3 साल के भीतर देश के 100 शहरों में अपने आउटलेट खोलकर 85 करोड़ का टर्न ओवर हासिल कर उन्होनें अपने सपनों को नए पंख लगाए। इस काम में उन्हें दोस्तों का भरपूर सहयोग मिला। आज इन दोनों युवाओं का नाम सबकी जुबान पर चढ़ने लगा है क्योंकि देश भर  में इनकी चाय की खुशबू अपनी सुगंध फैला रही है।

एक अकेले से ये रस्म अदा नहीं होती

दोस्ती की शुरुआत ही “दो” से होती है

संघर्ष से पाया मुकाम

2018 के शुरुआती दिनों में दोनों की दिनचर्या संघर्षपूर्ण रही। दोस्तों की मदद से 5 लाख रुपए जुटाकर किसी तरह से कैफे का आईडिया नए आकार का रूप लेना शुरू हुआ। इन सबके बीच उनके पास अपने  मकान के किराये को चुकाने के लिए भी रुपये नहीं थे लेकिन दोस्ती की खुशबू की महक उनके चाय के स्टार्ट-अप पर नई सुगंध फैला रही थी। अजय और शुभम के साथ भी ऐसा ही हुआ। दोनों के पास दोस्तों की ऐसी पूंजी थी जिसके बूते उन्होनें कुछ वर्षों में ही अपने व्यवसाय को बाजार में स्थापित करने में सफलता हासिल कर ली। अलग अलग फ्लेवरों में परोसी गई उनकी चाय की मिठास ने अपने दोस्तों का भी दिल जीत लिया। 

दोस्त हौंसलों के दर्जी होते हैं

वो मुफ्त में रफू कर देते हैं

इस दौरान उन्हें मकान किराया चुकाने के लिए भी दोस्तों से ही मदद लेना पड़ी, लेकिन कैफे का स्वाद लोगों की जुबान पर ऐसा चढ़ा कि उनसे अन्य लोग जुड़ते चले गए और देखते ही देखते देश भर में टी-लॉजी कैफे के माध्यम से अजय व शुभम ने 100 आउटलेट खोल दिए। 2018 से अब तक इंदौर के साथ ग्वालियर, बंगलूरू, अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा, भोपाल, देहरादून,  मसूरी, ऋषिकेश, पंजाब, हैदराबाद, दिल्ली, फरीदाबाद जैसे कई शहरों में कंपनी के 100 आउटलेट मुनाफा दिला रहे हैं। कंपनी का व्यवसाय अब तेजी से अपने पैर पसार रहा है। 

अब विदेशी धरती पर भी धूम मचाएगी चाय

अजय और शुभम  कहते हैं अब उनका इरादा विदेशों में नए आउटलेट शुरू करने का है जिस पर फिलहाल काम चल रहा है।  कनाडा , अबूधाबी और दुबई में कुछ दिनों में उनके आउटलेट्स शुरू हो रहे हैं। साथ ही आस्ट्रेलिया, अमरीका और यूरोप के कई देशों में फ्रेंचाइजी के साथ उनकी बातचीत चल रही है। फ्रांस के प्रसिद्ध एफिल टावर के पास भी उनकी लोकेशन को लेकर बात चल रही है। बहुत जल्द देश की मिट्टी का स्वाद विदेशों में भी ले जाने के लिए दुबई और ऑस्ट्रेलिया में भी टी-लॉजी के आउटलेट शुरू करने की तैयारी हो गई है।

एक हजार लोगों को दिया रोजगार

प्रत्येक आउटलेटस  के लिए औसतन 5  से 6 नए लोगों को काम का मौका मिलता है। देशभर में स्थापित उनके 100 आउटलेट्स से 600 से अधिक  युवाओं की आजीविका चल रही है। साथ ही 250 कुम्हार परिवारों को कुल्हड़ बनाने का काम भी मिला है जिससे पहले की तुलना उनकी आमदनी में कई गुना इजाफा हुआ है। हजारों लोगों की आजीविका उनके इस आउटलेट्स से आज चल रही है। अजय कहते हैं किसी काम को शुरू करना तो आसान है लेकिन उसे अंजाम तक पहुँचाना मुश्किल। उन दोनों के साथ भी शुरुआत में यही हुआ लेकिन युवाओं के सहयोग से वह आज जिस मुकाम पर पहुंचे हैं उसके लिए वो दोस्तों के आभारी हैं। 

मध्य प्रदेश सरकार युवाओं को सहयोग कर रही है

अजय और शुभम कहते हैं शुरुआती वर्षों में लोग स्टार्ट अप को नहीं समझ पाते थे लेकिन अब धीरे -धीरे लोग इस व्यवसाय को समझ रहे हैं। देश भर में स्टार्ट अप में आज युवा रूचि ले रहे हैं। इनकी ग्रोथ को देखते हुए सरकार भी भरपूर सहयोग कर रही है। मध्य प्रदेश सरकार भी युवाओं के हितों के लिए लगातार काम कर रही है। आज फ्रेंचाइजी पार्टनर्स भी हमसे सीधे जुड़ रहे हैं। सरकार का सहयोग सभी को मिल रहा है। 

सकारात्मक विचार के साथ युवा आगे आएं

अजय और शुभम कहते हैं देश के युवाओं में कुछ अलग कर गुजरने की तमन्ना है। इसके लिए सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। सरकार युवाओं को आगे बढ़ने और कुछ नया करने के लिए लगातार प्रेरित कर रही है। टी- लॉजी ऐसी ही नई  सोच के साथ आगे आया है और अपनी कामयाबी का शोर मचा रहा है। टी -लॉजी स्टार्ट-अप अगर आज विदेशों में भी अपने कदम बढ़ा रहा है तो इसका कारण सरकार का भरपूर सहयोग और प्रोत्साहन है। 

आज के दौर में धन कमाने के नए-नए तरीके खोज रहे लोगों के पास एक से बढ़कर एक स्टार्टअप के बहुत सारे  विचार हैं  लेकिन लीक से अलग हटकर चलते हुए  बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपनी नई सोच के दम पर देश के लिए बेहतर  करना चाहते हैं। इंदौर से शुरू हुआ टी-लॉजी स्टार्ट-अप आज मध्य प्रदेश के साथ ही देश के युवाओं को प्रेरणा देने का काम बखूबी कर रहा है। 

(लेखक दक्षिण बिहार के केंद्रीय विश्वविद्यालय के डीन और प्रमुख हैं।)

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