शिव सेना ने अपने मुखपत्रा सामना में लिखे संपादकीय में कहा, हमें जनता पार्टी की सरकार के दौरान इंदिरा गांधी की याद आती है। यह जनता पार्टी ही थी जिसने अंतत: उन्हें वापस सत्ता में आने में मदद की थी। सरकार चलाने का जनादेश मिलने के बावजूद इसके नेता इंदिरा के पीछे पड़े थे मानों उनका एकमात्रा मकसद उन्हें परेशान करना था।
संपादकीय में कहा गया है, आज की स्थिति में क्या अंतर है। आज भाजपा को लोगों के मुद्दे हल करने के लिए चुना गया है। अगस्ता वेस्टलैंड सौदे को लेकर उथल पुथल से बचा जा सकता था। जांच कराने के बजाय कुछ लोगों को बार बार निशाना बनाया जा रहा है। यह हमें इंदिरा जी की याद दिलाता है। यदि सोनिया गांधी और उनकी पार्टी वास्तव में एक घोटाले में लिप्त रहे हों तो उनके खिलाफ नरमी दिखाने की कोई जरूरत नहीं। लेकिन इस पाटर्ी को उबरने में मदद क्यों की जाय। हमें बिहार चुनावों से सीख लेनी चाहिए। प्रचार अभियान में भाजपा द्वारा दिग्गज लोगों को लगाए जाने के बावजूद नीतीश कुमार और लालू यादव चुनाव जीते और कांग्रेस का प्रदर्शन भी अपेक्षाकृत अच्छा रहा।