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फतवा विवाद: पतंजलि का दावा सिर्फ 5 उत्‍पादों में गौमूत्र

तमिलनाडु के एक मुस्लिम संगठन ने गौमूत्र के इस्‍तेमाल को लेकर योग गुरू बाबा रामदेव के पतंजलि उत्पादों के खिलाफ फतवा जारी किया है।
फतवा विवाद: पतंजलि का दावा सिर्फ 5 उत्‍पादों में गौमूत्र

संगठन का कहना है कि गौमूत्र का प्रयोग इस्लाम में हराम माना जाता है। तमिलनाडु थोवीड जमात (टीएनटीजे) ने कहा कि पतंजलि के प्रसाधन, दवाओं और खाद्य उत्पादों में गाय के मूत्र का प्रयोग मुख्य तत्व के रूप में किया जाता है जो खुले बाजार के साथ ही ऑनलाइन भी उपलब्ध है। 

टीएनटीजे ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा, मुस्लिमों की मान्यता के मुताबिक गाय का मूत्र हराम है जिसका प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए टीएनटीजे फतवा जारी करता है कि पतंजलि के उत्पाद हराम हैं। साथ ही संगठन ने कहा कि यह फतवा यह सुनिश्चित करने के लिए जारी किया जा रहा है कि इस तरह के उत्पाद मुस्लिम उपयोग नहीं करें जो उत्पाद के तत्वों के बारे में जागरूकता की कमी के कारण रोजाना इसका उपयोग करते हैं। 

पतंजलि ने कहा, सिर्फ पांच उत्पादों में गौमूत्र 

योग गुरु रामदेव प्रवर्तित पतंजलि आयुर्वेद ने आज कहा कि उसके 700 उत्पादों में से सिर्फ पांच में गौमूत्र का इस्तेमाल होता है। तमिलनाडु के एक मुस्लिम संगठन ने कल कंपनी के उत्पादों के खिलाफ फतवा जारी किया था। कंपनी ने बयान में कहा, पतंजलि द्वारा 650 से 700 आयुर्वेदिक और हर्बल उत्पादों का विनिर्माण किया जाता है। गौमूत्र का इस्तेमाल इनमें से सिर्फ पांच में होता है। इन उत्पादों पर इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि इसमें गौमूत्रा का इस्तेमाल किया गया है। 

कंपनी ने कहा कि इन पांच में से तीन उत्‍पादाें का इस्तेमाल बाहरी इस्तेमाल के लिए होता है जबकि दो का सेवन किया जाता है। ये हैं - कायाकल्प तेला, पंचगाव्य साबुन, शुद्धि फिनाइल, गौधन अर्क तथा संजीवनी वटी। पतंजलि ने कहा है, यह करोड़ों गरीब मुस्लिम जो कि सस्ते और शुद्ध पतंजलि उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं उनमें कंपनी के उत्पादों के बारे में भ्रम फैलाने की साजिश है।

 

 

 

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