तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर देशभर के किसान इस समय दिल्ली में डेरा डाले हुए हुए हैं। किसानों के आंदोलन की वजह से दिल्ली के सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर किसान ही किसान दिखाई दे रहे हैं। मंगलवार को सरकार और किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत बिना किसी नतीजे पर समाप्त हो गई थी। लिहाजा गुरूवार को दोनों पक्षों के बीच फिर से बैठक हुई। करीब 8 घंटे की बातचीत दोनों पक्षों के बीच हुई। बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "आज किसान यूनियन के साथ भारत सरकार के चौथे चरण की चर्चा पूरी हुई। किसान यूनियन ने अपना पक्ष रखा और सरकार ने अपना पक्ष रखा।" आगे कृषि मंत्री ने इस बात का दावा किया कि दोनों पक्षों के बीच बेहतर बातचीत हुई है। उन्होंने कहा, "आज बहुत अच्छे वातावरण में चर्चा हुई है। किसानों ने बहुत सही से अपने विषयों को रखा है। जो बिंदु निकले हैं उन पर हम सब लोगों की लगभग सहमति बनी है, परसों बैठेंगे तो इस बात को और आगे बढ़ाएंगे।"
वहीं, मिले ब्रेक में किसानों ने सरकार द्वारा ऑफर किए गए खाने को नहीं खाया। विज्ञान भवन में सभी किसान अपने खाने को मिलकर खाते नजर आएं। किसान विज्ञान भवन में सरकार के साथ बैठक कर रहे हैं। इस दौरान किसानों ने कानून को लेकर अपनी 6 आपत्तियां भी सामने रखी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। जबकि सरकार उन्हें समझाने की कोशिश में जुटी हुई है। फिलहाल हर किसी को बैठक खत्म होने का इंतजार है। दूसरी ओर सरकार और किसानों की वार्ता से पहले आज गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की भी बैठक हुई है।
बैठक से पहले किसानों ने सरकार के सामने जो ड्राफ्ट भेजा है, उसमें कई प्रमुख मुद्दों को उठाया है। ये है 6 प्रमुख मांग-
-तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं
-वायु प्रदूषण के कानून में बदलाव वापस हो
-बिजली बिल के कानून में बदलाव है, वो गलत है
-एमएसपी पर लिखित में भरोसा दे
-कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर किसानों को ऐतराज
-डीजल की कीमत को आधा किया जाए
वहीं, किसानों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर तीनों किसान कानूनों को रद्द नहीं किया गया तो वे दिल्ली के रास्ते ब्लॉक कर देंगे। किसानों ने कहा है कि सरकार विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों को रद्द कर दे अन्यथा किसान दिल्ली ब्लॉक कर देंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार पंजाब के किसानों के अलावा पूरे देश के किसान नेताओं को वार्ता के लिए बुलाए।
बता दें कि मंगलवार की बैठक में किसानों से चर्चा के दौरान सरकार ने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए समिति बनाने का सुझाव रखा, मगर किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से कहा कि 4 से 5 नाम अपने संगठन से दें। एक समिति बना देते है जिसमें सरकार के लोग भी होंगे, कृषि विशेषज्ञ भी होंगे, नए कृषि कानून पर चर्चा करेंगे। किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।