टूलकिट केस मामले में पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि को जमानत मिल गई है। ये जमानत उन्हें मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने दी है। बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने रवि को एक-एक लाख रूपए के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। गौरतलब है कि दिशा रवि को बीते महीने केंद्र के खिलाफ किसानों द्वारा 26 जनवरी को निकाले गए परेड के दौरान हिंसा और उसके बाद जलवायु परिवर्तन एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ट्वीट किए गए टूलकिट को तैयार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
टूलकिट किसी भी मुद्दे को समझाने के लिए बनाया गया एक दस्तावेज होता है। ये इस बात की भी जानकारी देता है कि किसी को समस्या के समाधान के लिए क्या करना चाहिए। इसमें याचिकाओं के बारे में जानकारी, विरोध प्रदर्शन और जन आंदोलनों के बारे में जानकारी आदि शामिल हो सकते हैं। थनबर्ग द्वारा जिस टूलकिट को शेयर किया गया, वह देश की राजधानी में "किसानों के विरोध को समझाने" की कोशिश करता है। इस टूलकिट बताया गया कि आत्मनिर्भर और समृद्ध बनने के लिए समर्थित होने के बजाय, अधिकांश किसानों को बड़े निगमों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के नियंत्रण के अधीन किया जा रहा है, जिनका एकमात्र ध्यान मुनाफा है, और इसमें प्रकृति का बढ़ता शोषण शामिल है।
दिशा रवि टूलकिट गूगल डॉक की संपादक हैं और उन पर दस्तावेज के निर्माण और प्रसार में एक महत्वपूर्ण साजिशकर्ता होने का आरोप है। दिशा ने एक व्हाट्सएप ग्रुप शुरू किया और टूलकिट डॉक बनाने के लिए सहयोग किया। उसने दस्तावेज का मसौदा तैयार करने के लिए उनके साथ मिलकर काम किया। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया में, रवि और समूह के अन्य सदस्यों ने भारत के खिलाफ असहमति फैलाने के लिए खालिस्तानी पॉएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ सहयोग किया।