भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कॉल की घंटी का समय मोबाइल के लिये 30 सेकंड और लैंडलाइन के लिये 60 सेकंड तय किया है। ट्राई ने शुक्रवार को सेवाओं की गुणवत्ता संबंधी संशोधित नियमों में यह व्यवस्था की।
ट्राई ने लैंडलाइन एवं मोबाइल फोन सेवाओं की गुणवत्ता संबंधी प्रावधान में किये संशोधन में कहा, ‘‘आने वाली फोन कॉल का यदि तुरंत उत्तर नहीं दिया जाये या उसे काटा न जाए तो उसकी सूचना देने वाली फोन की घंटी मोबाइल सेवाओं के लिये 30 सेकंड तथा लैंडलाइन के लिये 60 सेकंड के लिए होगी।’’
अभी तक भारत में घंटी की कोई न्यूनतम समय सीमा तय नहीं थी।
दूरसंचार कंपनियां उठा रहीं थी फायदा
दूरसंचार कंपनियां कॉल जोड़ने के शुल्क से होने वाली आय का लाभ उठाने के लिये खुद से ही घंटी का समय कम कर दे रही थीं, ताकि अन्य नेटवर्क वाले उपभोक्ता उसके नेटवर्क पर कॉल बैक करने को बाध्य हों। रिलायंस जियो ने घंटी का अंतराल खुद ही घटाकर 25 सेकंड कर दिया है।
कंपनियां मनमर्जी से रिंग टाइम घटा रही थीं
अब तक देश के भीतर कॉल करने पर रिंगटोन बजने की कोई सीमा निर्धारित नहीं थी। दूरसंचार कंपनियों ने एक-दूसरे पर मनमर्जी से रिंग टाइम को घटाने के आरोप लगाए थे। ऐसा करके वह दूसरे नेटवर्क के उपभोक्ता से वापस कॉल (कॉल बैक) कराने की रणनीति पर काम कर रही थीं, ताकि उन्हें फायदा हो सके।
जिओ और एयरटेल-आइडिया के बीच विवाद
रिलायंस जिओ ने आरोप लगाया है कि भारती-एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसे पुराने ऑपरेटरों पर गैर-कानूनी ढंग से लैंडलाइन नंबरों को मोबाइल फोन नंबरों के तौर पर दिखाया। ऐसा करके उन्होंने अनुचित लाभ कमाया। जिओ ने ट्राई से लाइसेंस के नियम और मौजूदा कानून तोड़ने के लिए एयरटेल और आइडिया पर बड़ा जुर्माना लगाने की अपील भी की थी। एयरटेल ने पलटवार करते हुए जिओ पर ट्राई को भ्रमित करने का आरोप लगाया था। एयरटेल ने कहा- कॉल कनेक्ट चार्ज (इंटरकनेक्ट उपयोग चार्ज) लागू होने से पहले जिओ ने ऐसा किया है।