भारत सरकार ने खालिस्तान समर्थित 'सिख फॉर जस्टिस' संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस गैरकानूनी सगंठन पर बैन लगाने का पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि आईएसआई समर्थित संगठन से देश की सुरक्षा के लिए उठाया गया यह पहला कदम है। हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अलगावादी एजेंडे के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया है। अप्रैल में मोदी सरकार के अनुरोध पर पाकिस्तान ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया था। इससे पहले कई बार आएसआईएस द्वारा इस संगठन के सहारे पंजाब में माहौल बिगाड़ने की खबरें सामने आ चुकी हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने लंबे समय से खालिस्तान ग्रुप सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखी हुई थीं। आरोप था कि यह संगठन खालिस्तान जनमत संग्रह में शामिल होने के लिए आने वाले लोगों को मुफ्त हवाई टिकट दे रहा था।
सीएम कैप्टन अमरिंदर ने इस फैसले का किया स्वागत
इस फैसले को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का भी बयान सामने आया, उन्होंने कैबिनेट द्वारा लिए गए इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने इसे भारत-विरोधी और आईएसआई-समर्थित संगठन की अलगाववादी योजनाओं और डिजाइनों से राष्ट्र की रक्षा करने की दिशा में पहला कदम बताया।
विदेशी राष्ट्रीयता के कुछ कट्टरपंथी सिखों का एक संगठन है 'सिख फॉर जस्टिस'
सिख फॉर जस्टिस संगठन अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन आदि में विदेशी राष्ट्रीयता के कुछ कट्टरपंथी सिखों का एक संगठन है, जो यूएपीए, अधिनियम 1967 के प्रावधान 3 (1) के तहत गैरकानूनी है। इसके खिलाफ 12 मामले दर्ज हैं। इस संगठन के करीब 39 लोगों को हिरासत में लिया गया है। सिख फॉर जस्टिस के कई सोशल मीडिया हैंडल ब्लॉक किए गए हैं।
एसएफजे की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखी हुई थीं
रक्षा एजेंसियों ने लंबे समय से खालिस्तान ग्रुप सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर रखी हुई थीं। आरोप था कि यह संगठन खालिस्तान जनमत संग्रह में शामिल होने के लिए आने वाले लोगों को मुफ्त हवाई टिकट दे रहा था। उधर, गृह मंत्रालय के सूत्र की माने तो वांटेड खालिस्तानी आतंकवादी परमजीत सिंह पम्मा को भारत-इंग्लैंड विश्व कप मैच के दौरान देखा गया था। वह सिख फॉर जस्टिस से भी जुड़े हुए हैं।