जाफरी ने कहा कि वह इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगी। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा न्याय नहीं मिला है। ये आधा न्याय है। मुझे उम्मीद थी कि विशेष अदालत सही फैसला देगी, लेकिन इसे तो हत्याकांड में मारे गए निर्दोष लोगों के लिए कतई सही नहीं कहा जा सकता। जाकिया ने कहा कि सही फैसला आने में चाहे 15 साल और लग जाएं, लेकिन ये लड़ाई जारी रहेगी। जाकिया ने कहा कि वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और निश्चित रूप से ऊपरी अदालत में इसके खिलाफ अपील करेंगी।
गुजरात दंगों के दौरान 28 फरवरी 2002 को भड़की हिंसा के दौरान भीड़ ने गुलबर्ग सोसायटी पर हमला कर दिया था। जिसमें 69 लोग मारे गए थे, जिनमें पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी भी शामिल थे। जाकिया जाफरी पूर्व कांग्रेस सांसद की पत्नी हैं। घटना के बाद 39 लोगों के शव बरामद किए गए थे जबकि सात साल बाद बाकी 30 लापता लोगों को मरा मान गया था।