कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप पूरे देश में छाया हुआ है। इस बीच अनुमान है कि मई के मध्य में हालात और भयावह हो सकते हैं। मई के मध्य में प्रतिदिन छह लाख तक मामले आ सकते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले राज्यों की स्थिति ज्यादा गंभीर होगी। यह बात प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों की समीक्षा बैठक में पेश की गई एक प्रेज़ेंटेशन में कही गई है।
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, क़रीब दस दिन पहले ही नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल के नेतृत्व वाले अधिकारियों के एक समूह ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मत्रालय सहित संबंधित अधिकारियों को बताया था कि 20 अप्रैल तक प्रतिदिन 3 लाख संक्रमण के मामलों को ध्यान में रखते हुए ऑक्सीजन की उपलब्धता के त्वरित उपाय करने चाहिए। इसके साथ ही बताया था कि अप्रैल महीने के आखिरी के दिनों में पांच लाख प्रति दिन का उछाल आ सकता है।
बता दें कि डॉ पॉल महामारी से निपटने के लिए तैयार की गई सरकारी कोर टीम के सदस्य भी हैं औैर उन्होंने 'प्लान-बी' के अंर्तगत यह भी सिफ़ारिश की थी ऑक्सीजन की सप्लाई को बढ़ाने के लिए असाधारण उपाय किये जाने की आवश्यकता है ताकि जब एक दिन में जब छह लाख मामले आएं तो स्थिति को संभाला जा सके।
जनसत्ता के मुताबिक, आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल द्वारा पेश की गई इस प्रेज़ेंटेशन में संक्रमण के शिखर पर होने का समय मई का मध्य बताया गया है। प्रेज़ेंटेशन के अनुसार, मई के मध्य तक दैनिक पांच लाख केस या और भी अधिक मामले आ सकते हैं। इसके बाद संक्रमण घटने लगेगा। इसमे कहा गया कि राज्यों में स्वास्थ्य व्यवस्था ऐसी नहीं है कि हालात से जूझा जा सके। सबसे बुरी दशा उन प्रदेशों की हो सकती है जहां की आबादी बहुत ज्यादा है। इसमें दस राज्य जहां पर संक्रमण बहुत ज्यादा है, वहां के स्वास्थ्य ढांचे में कमियों की ओर भी संकेत किया गया है। ये दस राज्य हैं महाराष्ट्र, दिल्ली, यूपी, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात।
बता दें कि भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3,52,991 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,73,13,163 हुई। 2812 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,95,123 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 28,13,658 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,43,04,382 है।