देश की प्रतिष्ठित प्रशासनिक सेवाओं के लिए होने वाली यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के जरिए इस बार सिर्फ 782 उम्मीदवार चुने जाएंगे। यूपीएससी परीक्षा के लिए सीटों में कटौती को सरकारी नौकरियों में कमी का संकेत माना जा सकता है।
हर साल आईएएस, आईपीएस, आईएफएस जैसी सिविल सेवाओं में जाने का ख्बाव संजोने वाले करीब दस लाख उम्मीदवार यूपीएससी की परीक्षा में बैठते हैं। सीटों की संख्या में कमी का सीधा मतलब है कि अवसर कम होंगे। कॉम्पीटिशन और बढ़ जाएगा।
बुधवार को यूपीएससी ने साल 2018 की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। आगामी 3 जून को होने वाल इस परीक्षा के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 6 मार्च है। इस बार विभिन्न सिविल सेवाओं के लिए सिर्फ 782 सीटें हैं, जो पिछले साल की तुलना में 198 कम हैं। 2014 में यूपीपीएससी की परीक्षा के लिए 1299 सीटें थीं ।
पिछले कई वर्षों से यूपीएससी की सीटों में कटौती का सिलसिला चल रहा है। पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए यूपीएससी लिखित परीक्षा और इंटरव्यू व व्यक्तित्व परीक्षा में प्राप्त उम्मीदवारों के अंकों को ऑनलाइन सार्वजनिक करेगा।