मशहूर उर्दू कवि राहत इंदौरी का मंगलवार को निधन हो गया। उन्हें रविवार को कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद श्री अरबिंदो अस्पताल अस्पाल में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल के डॉक्टर के मुताबिक उन्हें मंगलवार को दो बार दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई। उन्हें 60% निमोनिया था। वो 70 वर्ष थे।
उनकी कुछ मशहूर शायरी, जो हर किसी की जुबान पर बैठ गईं
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है