उर्दू के मशहूर शायर डा. राहत इंदौरी ने बताया, मुंबई स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने गैर अप्रवासी वीजा की मेरी अर्जी के सिलसिले में मुझे आज इंटरव्यू के लिए बुलाया था। इंटरव्यू के बाद मेरा पासपोर्ट यह कहते हुए खेद सहित लौटा दिया गया कि इस बार मुझे अमेरिका का वीजा नहीं मिल सकेगा। इंदौरी ने कहा, अमेरिकी अफसरों ने इंटरव्यू के बाद मुझे कागज का एक पुर्जा भी थमाया। जिसमें लिखी इबारत का लब्बोलुआब यही है कि मेरी वीजा अर्जी इसलिए खारिज कर दी गई, क्योंकि मैं अमेरिकी अफसरों को यह भरोसा नहीं दिला सका कि अमेरिका में अपनी यात्रा खत्म होने के बाद मैं तय अवधि में अपने देश भारत वापस लौट आऊंगा।
दुनिया भर में कई मुशायरों में हिस्सा ले चुके 66 वर्षीय शायर ने तंज करते हुए कहा, अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के अफसरों को शायद यह खतरा है कि अमेरिका पहुंचने के बाद मैं वहीं बस जाऊंगा और भारत को हमेशा के लिए छोड़ दूंगा। इंदौरी ने जोर देकर कहा, दुनिया भर में मेरी पहचान मेरे मुल्क से ही है। मैं अपने वतन को छोड़ने की बात ख्वाब में भी नहीं सोच सकता। भारत में मेरा भरा-पूरा परिवार है, मेरा सामाजिक रुतबा है। लेकिन अफसोस की बात है कि अमेरिका की नजर में यह कुछ भी नहीं है।
उन्होंने कहा, मुनासिब होता कि अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के अफसर मेरी वीजा अर्जी खारिज करने से पहले मेरा पुराना रिकॉर्ड देख लेते। पिछले 10 बरस में मैंने अमेरिका की 11 यात्राएं की हैं और इस दौरान 100 से ज्यादा मुशायरों में हिस्सा लिया है। अमेरिका में प्रवास के दौरान मुझसे कभी कोई चूक नहीं हुई। इंदौरी ने बताया कि उन्हें टेक्सास प्रांत के डलास शहर में नूर इंटरनेशनल नाम की साहित्यिक संस्था के सात मई को आयोजित अंतरराष्ट्रीय मुशायरे में शामिल होना था। उन्होंने बताया कि जश्न ए राहत इंदौरी के नाम से आयोजित यह कार्यक्रम उन्हीं के सम्मान में आयोजित किया गया था। इसमें पाकिस्तान, इंग्लैंड, सऊदी अरब और भारत के शायरों को आमंत्रित किया गया है।