राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रोटोकोल को एक तरफ कर इन दिनों अस्वस्थ चल रहे वाजपेयी के यहां कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर खुद जाकर उन्हें इस पुरस्कार से नवाज़ा।
इस अवसर पर वाजपेयी के कुछ नजदीकी संबंधी, उप राष्टपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह आदि उपस्थित थे।
प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इससे पहले ट्वीट किया, करोड़ों भारतवासियों के लिए आज ऐतिहासिक दिन है, जब अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न पुरस्कार दिया जाएगा।
राष्ट्रपति द्वारा वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री के निवास के लॉन में चाय पार्टी का आयोजन हुआ जिसमें अन्य लोगों के अलावा कुछ केंद्रीय मंत्रियों और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद सहित कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित हुए।
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी संक्षिप्त विज्ञप्ति में वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई।
वाजपेयी को उनके जन्मदिन से एक दिन पहले 24 दिसंबर को भारत रत्न देने संबंधी निर्णय का ऐलान किया गया था। वाजपेयी बीते साल 25 दिसंबर को 90 साल के हो गए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री के साथ ही प्रसिद्ध शिक्षाविद एवं स्वतंत्रता सेनानी महामना मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को भी भारत रत्न देने की घोषणा 24 दिसम्बर को ही की गई थी। इत्तेफाक की बात है कि वाजपेयी और मालवीय दोनों का जन्मदिन 25 दिसंबर है। वाजपेयी का जन्म इस तारीख को 1924 में और मालवीय का जन्म 1861 को हुआ था। महामना का पुरस्कार 30 मार्च को राष्टपति भवन में आयोजित एक समारोह में उनके परिजनों को दिया जाएगा।